Haryana सरकार ने राज्य के लगभग दो लाख छोटे और बड़े व्यापारियों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। व्यापारियों के जीएसटी, वैट और उससे पहले के करों से जुड़े विवादों को खत्म करने के लिए सरकार ने वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम की शुरुआत की है। इस योजना से व्यापारियों को बकाया कर और जुर्माने में बड़ी राहत दी जाएगी, जिससे लगभग 2500 करोड़ रुपये का लाभ होगा।
योजना को मिली मंत्रिमंडल की मंजूरी
मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने बताया कि जीएसटी लागू होने से पहले के करों से संबंधित विवादों का समाधान करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत राज्य में जीएसटी से पहले के सात अधिनियमों के अंतर्गत लंबित बकाया राशि का निपटारा किया जाएगा।
योजना के मुख्य प्रावधान:
10 लाख रुपये तक के बकायादारों के लिए:
पूरा ब्याज माफ किया जाएगा।
मूल बकाया राशि में से 60% तक की छूट मिलेगी।
व्यापारी को केवल 40% राशि का भुगतान करना होगा।
10 लाख से 10 करोड़ रुपये तक के बकायादारों के लिए:
ब्याज माफी के साथ मूल राशि में 50% की छूट दी जाएगी।
भुगतान की सुविधा दो किश्तों में भी दी जाएगी।
लंबित मामलों का समाधान:
व्यापारियों को अदालतों में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
विवादों का निपटारा अदालत के बाहर होगा।
व्यापारियों को राहत और सराहना
हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन बालकिशन अग्रवाल और पूर्व सदस्य विजय लक्ष्मी चंद गुप्ता ने सरकार के इस फैसले को व्यापारियों के लिए बेहद लाभकारी बताया। बालकिशन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री से व्यापारियों ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को सरल और व्यापारी हितैषी बनाने का अनुरोध किया था, जिसे मानकर यह बड़ा फैसला लिया गया है।
विजय लक्ष्मी चंद गुप्ता ने कहा कि वैट और करों से जुड़े पिछले आठ वर्षों से लंबित मामलों का समाधान कर सरकार ने व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। यह योजना व्यापारियों के लिए एक नई शुरुआत साबित होगी।
व्यापारिक विवादों का अंत, सरकार का बड़ा कदम
हरियाणा सरकार की इस योजना से व्यापारियों को कर विवादों से छुटकारा मिलेगा और वे अपने व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। सरकार का यह कदम व्यापारिक समुदाय के लिए न केवल राहत लेकर आया है, बल्कि इसे राज्य के आर्थिक विकास के लिए भी एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।