Haryana के हिसार जिले के रायपुर गांव में एक सरपंच को अपनी पत्नी से झगड़ा और प्रताड़ना करना महंगा पड़ गया। पत्नी ने उत्पीड़न, किडनैपिंग और गर्भपात जैसे गंभीर आरोपों के साथ लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। नतीजतन, सरपंच न केवल कानूनी पचड़े में फंसा बल्कि जिला प्रशासन ने उसे सरपंच पद से भी हटा दिया।
लव मैरिज और विवादों की शुरुआत
पीड़िता सुमन रानी ने बताया कि 2018 में वह सुनील से मिली, जो खुद को वकील बताता था। बाद में पता चला कि वह उस समय एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। जान-पहचान बढ़ने के बाद दोनों ने 2021 में लव मैरिज कर ली। शादी के बाद सुनील रायपुर गांव का सरपंच बन गया।
शादी के शुरुआती दिनों में सब ठीक था, लेकिन जल्द ही सुनील ने सुमन को परिवार से अलग रखना शुरू कर दिया। इसके बाद मारपीट और दहेज में सोना और कार की मांग करने लगा।
दहेज प्रताड़ना और गर्भपात के आरोप
सुमन ने बताया कि एक साल तक वह सब सहती रही, लेकिन सुनील की प्रताड़ना बढ़ती गई। उसने जबरन सुमन का गर्भपात कराया। इसके बाद सुमन ने हिसार के सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई।
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
17 नवंबर 2022 को सुमन की शिकायत पर सुनील के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए, 313, 323, 506, और 34 के तहत केस दर्ज हुआ। जुलाई 2023 में अपहरण और धमकाने के आरोप में भी सुनील पर मामला दर्ज किया गया।
सरपंच पद से हटाने की प्रक्रिया
सरपंच पद से हटाने के लिए हिसार के डिप्टी कमिश्नर अनीश यादव ने हरियाणा पंचायती राज एक्ट-1994 के तहत कार्रवाई की। डीसी ने तर्क दिया कि सुनील पर संगीन धाराओं के तहत केस हैं, जो उसे सरपंच पद पर बने रहने के लिए अयोग्य बनाते हैं।
22 जनवरी 2025 को जिला प्रशासन ने सुनील और सुमन को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया। सुमन ने प्रशासन के सामने गर्भपात और उत्पीड़न के सबूत पेश किए।
हाईकोर्ट में केस लंबित, लेकिन रोक नहीं
सुनील ने प्रशासन को बताया कि हाईकोर्ट में उसका केस विचाराधीन है और ट्रायल कोर्ट को अंतिम आदेश देने पर रोक लगी है। हालांकि, प्रशासन ने पूछा कि क्या हाईकोर्ट ने उसे सरपंच पद से न हटाने के आदेश दिए हैं। जब सुनील ने इनकार किया, तो डीसी ने उसे सरपंच पद से हटाने का फैसला सुनाया।
पत्नी की लंबी कानूनी लड़ाई और नतीजा
सुमन ने 8 फरवरी 2024 को जिला प्रशासन को शिकायत देकर सुनील को सरपंच पद से हटाने की मांग की थी। कई महीनों तक कार्रवाई में देरी के बाद आखिरकार प्रशासन ने सुमन के पक्ष में फैसला सुनाया।
वकील का बयान
सुमन के वकील करण सिंह ने बताया कि सुनील ने सुमन पर लगातार अत्याचार किया। उसने गर्भपात कराने की गोलियां खिलाईं और पेट पर वार कर दूसरा गर्भपात भी कराया। मायके में रहने के दौरान भी सुमन को धमकाया और अपहरण की कोशिश की गई।
सरपंच पद से हटाया गया
सुमन द्वारा पेश किए गए सबूतों और गंभीर आरोपों को देखते हुए हिसार के डीसी ने सुनील को सरपंच पद से हटा दिया। यह मामला न केवल महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है बल्कि दर्शाता है कि कानून के जरिए महिलाओं को न्याय दिलाया जा सकता है।