रूस-यूक्रेन युद्ध की त्रासदी अब Punjab के मालेरकोटला जिले तक पहुंच गई है। जिले के गांव कल्याण के निवासी बुद्ध राम की मौत की खबर सामने आई है, लेकिन इस खबर की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बेहतर भविष्य की चाह, युद्ध का दंश
परिवार ने बेहतर भविष्य की उम्मीद में बुद्ध राम को विदेश भेजा था। करीब एक साल पहले एक एजेंट ने उसे रूसी सेना में भर्ती करवा दिया। शुरुआती दिनों में परिवार को उसका वेतन मिलता रहा, लेकिन पिछले कुछ समय से बुद्ध राम का कोई अता-पता नहीं है। अब परिवार से डीएनए परीक्षण के लिए कहा गया है, जिससे बुजुर्ग मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है।
आर्थिक तंगी और डीएनए परीक्षण की मुश्किल
बुद्ध राम के पिता गुरमेल सिंह ने बताया कि उनका बेटा एक व्हाट्सएप ग्रुप में था, जिसमें पंजाब के अन्य लड़कों और उनके परिवार जुड़े हुए थे। इसी ग्रुप के जरिए उन्हें डीएनए परीक्षण कराने के लिए 25,000 रुपये खर्च करने को कहा गया। लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के लिए यह रकम जुटाना मुश्किल है। परिवार का कहना है कि उनका बेटा ही घर का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था, और अब दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है।
सरकार से गुहार
परिवार आज भी अपने बेटे की वापसी की उम्मीद लगाए बैठा है। वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके बेटे का कोई सुराग लगाया जाए और यह बताया जाए कि वह जिंदा है या नहीं।
रूस-यूक्रेन युद्ध का असर
यह मामला रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर हो रही व्यक्तिगत त्रासदियों को उजागर करता है। विदेश जाने के सपने लेकर निकले कई युवाओं को अब युद्ध का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।