2003 में ही आ चुके हैं ‘भगवान कल्कि’ अब करेंगे कल्कि लीला, दुष्टों का करेंगे संघार - Trends Topic

2003 में ही आ चुके हैं ‘भगवान कल्कि’ अब करेंगे कल्कि लीला, दुष्टों का करेंगे संघार

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भविष्य मालिका के अनुसार सन 2003 में ही भगवान कल्कि का जन्म हो चुका है कैसे, कहाँ और कब हुआ है इस लेख में आपको स्पष्ट रूप से जानकारी मिल जाएगी। 

भविष्य मालिका की भविष्यवाणी भाग 3 

भविष्य मालिका और भगवान कल्कि के अवतार को लेकर अचानक से चर्चाएँ तेज हो गई हैं भविष्य मालिका को लेकर हमें पूर्व में आपको बताया है की किस तरह उड़ीसा के पंच सखा कहे जाने वाले पांच संत जिनमें मुख्य रूप से भगवान जगन्नाथ के परम भक्त श्री अच्योदानंद जी ने 600 वर्ष पूर्व ही भगवान कल्कि के अवतार के बारे में लिख दिया था जो ताड़ के पत्तों में पोथोयों के रूप में लिखित है। 

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आज के समय उन पोथियों को विशेषज्ञों द्वारा शोध किया जा रहा है तथा उन पोथियों में लिखे हुए को डिकोड किया जा रहा है इसी के साथ ही अलग अलग YouTube चेनलों और ज्योतिष्यों द्वारा पंच शाखाओं द्वारा की गई भविष्यवाणियों को समय गाड़ना के अनुसार तथ्यात्मक रूप से सिद्ध किया जा रहा है इसी क्रम में india speaks daily नामक YouTube चैनल के होस्ट श्री संदीप देव जी ने जानीमानी ज्योतिष स्वेता पुरोहित जी से भविष्य मालिका में कल्कि अवतार को लेकर लाइव शो किया है जिसमें स्वेता पुरोहित जी ने भविष्य मालिका और ग्रह नक्षत्र की गड़ना के अनुसार भगवान कल्कि के अवतार के बारे में विस्तार से बताया है। 

भगवान कल्कि का जन्म

स्वेता जी ने साफ़ तौर पर कहा की भविष्य मालिका जिसमें लिखा गया है की भगवान कल्कि का जन्म दिनांक 4 मई 2003 को 5 बजकर 25 मिनिट पर उड़ीसा के जाटपुर विरिजा क्षेत्र में कमालपुर महार गाँव जिला जाटपुर के विकासखंड बिन्झरपुर के ग्रामपंचायत कल्यानपुर के आश्रित ग्राम संबलपुर जो गोबराई नदी के निकट है, पिता अनंत मिश्र माता पद्मावती के घर जो अत्यंत निर्धन परिवार है उसमें हुआ, भगवान के शरीर पर शंख और चंद्रमा के चिन्ह अंकित हैं साथ ही द्वापरयुग में बाण जहाँ लगा था अर्थात पैर में घाव का निशान है, कदम्ब के पेड़ घर के उत्तरी भाग में है और पीपल का वृक्ष दक्षिण में है घर जो झुग्गी झोपडी है उसके पास एक तालाब है जिसमें कमाल के पुष्प खिले हुए हैं। 

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आगे वे बताती हैं की वैसाख शुक्ल तृतीया शेष लग्न में पांच गृह उच्च के होंगे, वृहस्पति कर्क राशि में उच्च का होगा, शुक्र मीन में उच्च का होगा, सूर्य मेष राशि में, मंगल मकर राशि में और चंद्रमा दूसरे घर में होगा, यह योग भगवान श्रीराम की कुंडली के समान है ऐसा योग श्री विष्णु के अवतार के लिए ही संभव है।

भगवान कल्कि भुवनेशवर के खंडगिरी में ध्यान साधना कर रहे हैं यानि अभी भगवान गुप्त रूप से ध्यान साधना कर रहे हैं फरवरी 2023 को उड़ीसा के गंजम जिला अंतर्गत महेंद्र्गिरी पर्वत पर भगवान कल्कि ने परशुराम से शुदर्शन प्राप्त किया है, भगवान कल्कि, कल्कि, कलाकार, अनंगकेशरी, गजपति के नाम से प्रखाय्त होंगे। 

स्वेता जी के अनुसार ये सभी बातें भविष्य मालिका में लिखी हुई हैं इसके अलावा भी भगवान कल्कि के जन्म के समय अन्य विशेष योग देखने को मिलते हैं जिन्हें स्वेता जी ने इस वीडियो के माध्यम से विस्तार से बताया है। 

Disclaimer 

भविष्य मालिका से सम्बंधित इस लेख में दी गई पूर्ण जानकारी “india speaks daily” नामक YouTube चैनल में बताई गई जानकारी के अनुसार है, हम कतई इसकी पुष्टि नहीं करते हैं एवं किसी भी जानकारी पे विशवास करने से पहले अपने स्तर पर शोध जरुर करें तथा विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

7 thoughts on “2003 में ही आ चुके हैं ‘भगवान कल्कि’ अब करेंगे कल्कि लीला, दुष्टों का करेंगे संघार

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