Shani Dev ki Aarti: भगवान श्री शनि देव जी की आरती, भगवन शनि देव न्याय के देवता हैं प्रतिदिन शनिदेव की आरती करनी चाहिए।
Shani Dev ki Aarti
शनिदेव जी कर्म और न्याय के देवता हैं शनि देव सभी मनुष्य को उनके कर्म के अनुसार न्याय देते हैं शनिदेव की पूजा और आरती करने से शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है और अपने पापों के लिए माफ़ी माँगी जा सकती है इसके अलावा नित्य शनिदेव की पूजा और Shani Dev ki Aarti करने से शनि देव की कृपा बनी रहती है।
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प्रत्येक शनिवार को शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए साथ ही शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के वृक्ष के पर जल अर्पित करना चाहिए और सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए इससे शनिदेव की कृपा बरसती है।
शनिदेव की आरती | Shani Dev ki Aarti Lyrics
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ जय जय श्री शनिदेव..
श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥ जय जय श्री शनिदेव..
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥ जय जय श्री शनिदेव..
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥ जय जय श्री शनिदेव..
देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥ जय जय श्री शनिदेव..
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