Bajrang Baan: श्री बजरंग बाण हिंदी में, बजरंग बाण का पाठ कैसे और कब करें? - Trends Topic

Bajrang Baan: श्री बजरंग बाण हिंदी में, बजरंग बाण का पाठ कैसे और कब करें?

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Bajrang Baan: महाबली श्री हनुमान जी का बजरंग बाण का पाठ करने से मिलती हैं सभी परेशानियों से मुक्ति लेकिन बजरंग बाण का पाठ करने की सही विधि का पता होना जरुरी है। 

Bajrang Baan

श्री राम जी के परम भक्त श्री हनुमान जी को चिरंजीवी माना गया है अर्थात युग समाप्त होने के बाद सभी देवी देवता पृथ्वी से चले जाते हैं लेकिन श्री हनुमान जी पृथ्वी पर रहकर ही श्रीराम नाम की अलख जगाते हैं और जो भी मनुष्य भगवान श्रीराम और हनुमान जी की आराधना करता है श्री हनुमान जी की कृपा उनपर बरसती है। 

Bajrang Baan

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श्री बजरंग बाण का पाठ करने से आपके बड़े से बड़े कष्टों को महाबली श्री हनुमान जी जार लेते हैं वैसे तो हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए श्रीराम नाम का जाप करना चाहिए लेकिन यदि आप श्री हनुमान चालीसा का भी पाठ करते हैं तो हनुमान जी कृपा आप पर हो जाती है, बजरंग बाण का पाठ तब करना चाहिए जब आप किसी बहुत बड़े कष्ट में फ़स गए हों और आपका उस समस्या से निकलना मुस्किल दिखाई दे रहा हो

परन्तु आप हमेशा याद रखें की आप सही हों किसी गलत कार्य के लिए श्री हनुमान जी को याद ना करें ना ही कभी बजरंग बाण का पाठ करें क्यों की बजरंग बाण की रचना इस तरह से की गई है जिसमें हनुमान जी को श्रीराम जी की दुहाई दी दी जाती है जिसके कारण श्री हनुमान जी को आपके कष्टों को दूर करने के लिए आना ही पड़ता है। 

लेकिन पुन: इस बात को कहना जरुरी है की हनुमान जी को श्रीराम भगवान की दुहाई देने से पहले आपका धर्मपरायण और सही होना आवश्यक है अन्यथा इसके आपको दुष्परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। 

बजरंग बाण | Bajrang Baan Lyrics

दोहा:-

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई:-

जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।

जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।।

जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।

आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।

जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।।

बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा।।

अक्षयकुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा।।

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर में भई।।

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी।।

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होय दुख हरहु निपाता।।

जै गिरिधर जै जै सुखसागर। सुर समूह समरथ भटनागर।।

ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहिंं मारु बज्र की कीले।।

गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो।।

ऊँकार हुंकार प्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो।।

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।।

सत्य होहु हरि शपथ पाय के। रामदूत धरु मारु जाय के।।

जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत हौं दास तुम्हारा।।

वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।

पांय परों कर ज़ोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

जय अंजनिकुमार बलवन्ता। शंकरसुवन वीर हनुमन्ता।।

बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक।।

भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बेताल काल मारी मर।।

इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की।।

जनकसुता हरिदास कहावौ। ताकी शपथ विलम्ब न लावो।।

जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा।।

चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।

उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई। पांय परों कर ज़ोरि मनाई।।

ॐ चं चं चं चं चपत चलंता। ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता।।

ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल। ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल।।

अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो।।

यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कौन उबारै।।

पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।

यह बजरंग बाण जो जापै। ताते भूत प्रेत सब काँपै।।

धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहै कलेशा।।

दोहा:- 

प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान। 

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान।। 

बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ कब करें? 

सामान्यतया बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए लेकिन जब आप किसी विशेष परिस्थिति में फास जाएँ तब ही श्री बजरंग बाण का पाठ करें और यह ध्यान रखें की जिस परिस्थिति और समस्या को लेकर आप बजरंग बाण का पाठ कर रहे हों उनपर आप पूर्णरूप से सही हों आपने किसी के साथ गलत ना किया हो और आप चारों ओर से घिर गए हों और आपको कोई रास्ता नज़र ना आ रहा हो तब ही बजरंग बाण का पाठ करें। 

बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ कैसे करें?

सामान्यत: बजरंग बाण का पाठ करने के लिए आप शनिवार या मंगलवार दिन चुने या किसी बुरी परिस्थिति में आप बजरंग बाण का पाठ किसी भी दिन कर सकते हैं, बजरंग बाण का पाठ करने के लिए प्रात: नित्यकर्म और स्नान आदि करके शुद्ध हो जाएँ और हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी को चोला चढाएँ विधिपूर्वक पूजन करें भगवान श्रीराम का जाप करें इसके पश्चात श्री बजरंग बाण का पाठ करें और आपने कष्टों को बजरंगबली को बताएँ और उनसे विनती करें की आपको सभी कष्टों से निकाल दें। बजरंग बाण का पाठ कब और कैसे करें इस सम्बन्ध में इस वीडियो के माध्यम से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Disclaimer 

Bajrang Baan से सम्बंधित यहाँ दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं हम (trendstopic.in) किसी भी तरह से इसकी पुष्टि नहीं करते हैं, किसी भी प्रयोग आदि से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले लें। 

FAQ

Q. बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ कब करें?

Ans. बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ तब करें जब आप किसी बड़ी परेशानी में फसे हों और आपको उस परेशानी से निकालने का कोई रास्ता ना मिल रहा हो

Q. बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ किस दिन करें?

Ans. बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ शनिवार या मंगलवार को करना चाहिए, और किसी बड़ी समस्या या विशेष परिस्थिति में आप बजरंग बाण का पाठ किसी भी दिन कर सकते हैं

Q. बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ करने से क्या होता है?

Ans. बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है साथ ही यदि आप किसी बड़ी समस्या या भय आदि में फस गए हैं तो उनसे आपको छुटकारा मिल जाता है

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