Narmada Expressway: MP के 11 जिलों से गुजरेगा, गुजरात से सीधे जुड़ेगा छत्तीसगढ़ - Trends Topic

Narmada Expressway: MP के 11 जिलों से गुजरेगा, गुजरात से सीधे जुड़ेगा छत्तीसगढ़

Narmada Expressway

हजारों करोड़ की लागत से बनने जा रहा है  Narmada Expressway चेक कीजिए आपका जिला इसमें है या नहीं 

Narmada Expressway

छत्तीसगढ़ को गुजरात से जोड़ेने के लिए बन रहा है नर्मदा एक्सप्रेस वे नर्मदा नदी के किनारे बन रहा मध्य प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे ये एक्सप्रेस वे 31,000 करोड़ रूपये में बन रहा है 906 किलोमीटर लंबा हाइटेक कॉरिडोर 

यमुना एक्सप्रेस वे पहले से मौजूद है। गंगा के किनारे भी मेरठ से प्रयागराज तक एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है। इसी तर्ज पर एमपी का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे नर्मदा नदी के किनारे बनाया जा रहा है। ये एक्सप्रेस वे छत्तीसगढ़ बॉर्डर और नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू होकर डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा, खरगोन,बड़वानी से होता हुआ गुजरात बॉर्डर के पास अलीराजपुर तक बनाया जाएगा। 

Narmada Expressway
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नर्मदा एक्सप्रेस वे 906 किलोमीटर लंबा होगा और इसे बनाने के लिए लगभग 31,000 करोड़ का खर्च होने की उम्मीद है। ये एक्सप्रेस वे 8 लेन का होगा, इस एक्सप्रेस वे के जरिये छत्तीसगढ़, गुजरात से कनेक्ट हो जायेगा। प्लानिग ये है कि इस एक्सप्रेस वे को आगे बढ़ाकर देश के सबसे बड़े दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से भी कनेक्ट किया जाएगा। 

यानी की मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के लोग नर्मदा एक्सप्रेस वे के जरिए दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर सफर कर पाएंगे। ये हाइटेक कोरिडोर अनुपपुर समेत एमपी के 11 जिलों को हाई स्पीड कनेक्टिविटी देगा।

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कौन कौन से जिले जुड़ेंगे Narmada Expressway से 

Narmada Expressway से नि,निम्नलिखित जिले जुड़ने वाले हैं 

  • अनूपपुर
  • डिंडोरी
  • जबलपुर
  • नरसिंहपुर
  • होशंगाबाद
  • सीहोर
  • हरदा
  • खडवा
  • बड़वानी
  • अलीराजपुर

Narmada Expressway के क्या होंगे फायेदे 

साथ ही एमपी के टुरिज़म सेक्टर में भी बढ़ोत्तरी देखी जाने की उम्मीद है। गंगोत्री और यमुनोत्री तो हर कोई जाना चाहता है, लेकिन नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में दर्शन करने बहुत कम लोग पहुंचते हैं। नर्मदा एक्सप्रेस वे बनने के बाद यहाँ दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या बढ़ेगी। 

इसके साथ ही मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के तौर पर भी जाना जाता है। ऐसे में वाइल्ड लाइफ टुरिस्ट को भी बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना टाइगर रिज़र्व जाने में आसानी होगी। इसके साथ ही ओंकारेश्वर भेड़ाघाट में भी टुरिस्ट सेक्टर में ग्रोथ होगी। 

एक्सप्रेस वे के किनारे सरकार इंडस्ट्रियल क्लस्टर भी बनाएगी जहाँ स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे।

क्लस्टर के अलावा भारत सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत 35 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क में से एक पार्क बनाया जाएगा। साथ ही करीब छह जगहों पर इंडस्ट्रियल हब बनाने की भी योजना है। इस प्रोजेक्ट में शहरों के आसपास छोटी छोटी टाउनशिप डेवलप करने पर भी फोकस किया गया है। 

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इस एक्सप्रेस वे पर वर्ल्ड क्लास साइड हब यूनिटी सेंटर भी बनाए जाएंगे, जिससे एक्सप्रेस पर यात्रा करने वालों को खाने पीने, मेडिकल समेत तमाम सुविधाएं मिल सकें। ये एक्सप्रेस वे मध्यप्रदेश के साथ साथ छत्तीसगढ़, गुजरात के बॉर्डर इलाकों को भी विकास के नए पंख देगा। मध्यप्रदेश आबादी के लिहाज से देश में पांचवें नंबर पर आता है। 

यहाँ वर्ल्ड क्लास मैनुफैक्चरिंग हो सकती है, लेकिन बंदरगाह से दूरी एमपी की राह में रोड़ा है। लेकिन इस एक्सप्रेस वे के जरिये मध्य प्रदेश के 11 जिले गुजरात के बंदरगाह से कनेक्ट हो जाएंगे, जिससे लॉजिस्टिक कॉस्ट भी कम होगी और डिंडोरी, मंडला, खंडवा, खरगोन, बड़वानी जैसे पिछड़े जिलों में बैठे कारोबारी भी अपना सामान ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट कर पाएंगे। 

शानदार कनेक्टिविटी होने के बाद कई कंपनियां इंडस्ट्रियल क्लस्टर में अपने प्लांट लगाएगी, जिससे इकोनॉमिक ग्रोथ का ग्राफ ऊपर जाएगा। कुल मिलाकर ये एक्सप्रेस वे टुरिज़म इन्डस्ट्रीअल एस्टेट सेक्टर में नई जान फूंक देगा।

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