54वें दिन भी जारी Jagjit Singh Dallewal का आमरण अनशन, केंद्र के साथ बातचीत की तैयारी - Trends Topic

54वें दिन भी जारी Jagjit Singh Dallewal का आमरण अनशन, केंद्र के साथ बातचीत की तैयारी

Jagjit Singh Dallewal 2

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता Jagjit Singh Dallewal का संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर चल रहा आमरण अनशन शनिवार (18 जनवरी) को 54वें दिन भी जारी रहा। शनिवार रात करीब 1:30 बजे उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। डॉक्टरों ने उन्हें इमरजेंसी इंजेक्शन लेने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत
डॉक्टरों के अनुसार, Jagjit Singh Dallewal को लगातार उल्टियां हो रही थीं और उनका ब्लड प्रेशर काफी बढ़ गया था। शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) के कारण उनका स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है, जिससे मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ गया है।

केंद्र सरकार की टीम ने की मुलाकात
केंद्र सरकार ने डल्लेवाल की बिगड़ती हालत पर चिंता जताते हुए कृषि मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी प्रिय रंजन के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय टीम खनौरी बॉर्डर पर भेजी। टीम ने पहले डल्लेवाल से मिलकर उनका हालचाल जाना। डल्लेवाल ने केंद्र को स्पष्ट किया कि उनकी मांगों पर चर्चा किसान मोर्चा के नेताओं के साथ की जाए।

इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार की टीम ने किसान नेताओं के साथ साढ़े तीन घंटे की बैठक की। बैठक में केंद्र ने प्रस्ताव रखा कि 14 फरवरी को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत 12 मांगों पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की जाएगी। साथ ही, अधिकारियों ने आग्रह किया कि डल्लेवाल भी इस बैठक में शामिल हों।

किसानों की प्रतिक्रिया
किसान नेताओं ने सुझाव दिया कि अगर केंद्र सरकार डल्लेवाल की सेहत को लेकर गंभीर है, तो बैठक तुरंत दिल्ली में आयोजित की जाए। इस पर अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है, और 9 फरवरी के बाद ही बैठक संभव है।

बैठक के बाद अधिकारियों ने डल्लेवाल को प्रस्ताव की जानकारी दी और किसानों को भी माइक के जरिए अवगत कराया। पंडाल में मौजूद किसानों ने डल्लेवाल से मेडिकल सहायता लेने की गुजारिश की ताकि वह प्रस्तावित बैठक में मजबूती से किसानों का पक्ष रख सकें।

डल्लेवाल का फैसला
किसानों और 121 अन्य अनशनकारी किसानों के अनुरोध पर डल्लेवाल ने मेडिकल सहायता लेने पर सहमति जताई। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वह अन्न ग्रहण नहीं करेंगे |

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