Haryana में ‘Haryana गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी’ (HSGPC) के चुनाव शांतिपूर्वक और सुसंगठित ढंग से संपन्न हुए। यह चुनाव कई सालों के बाद आयोजित किए गए, जिससे सिख समुदाय में उत्साह और जोश देखने को मिला। मतदान प्रक्रिया सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चली। अंबाला में चुनाव की प्रक्रिया थोड़ी धीमी शुरुआत के बावजूद सफल रही, और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
चुनाव के बाद सभी बूथों पर तुरंत मतगणना शुरू हुई। अंबाला के वार्ड नंबर 6 में मुकाबला बहुत ही दिलचस्प रहा, जहां गुरतेज सिंह ने गुरदीप सिंह भानोखेड़ी को 2617 मतों के बड़े अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की। गुरतेज सिंह ने कुल 5076 वोट प्राप्त कर विजयी घोषित होने का सम्मान प्राप्त किया।
गुरतेज सिंह की जीत से समर्थकों में उत्साह
चुनाव प्रचार के दौरान गुरतेज सिंह ने गुरुद्वारों के प्रबंधन में पारदर्शिता, धार्मिक स्थलों की देखरेख और संगत की समस्याओं के समाधान को अपनी प्राथमिकता बताया। उनकी जीत को सिख समुदाय की एकजुटता और लोकतंत्र की सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
इसी तरह, 07 नग्गल क्षेत्र में भी मुकाबला काफी दिलचस्प रहा। यहां सुखदेव सिंह ने 1911 मतों के साथ जीत हासिल की, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बलकार सिंह को 1715 वोट मिले। दोनों क्षेत्रों में सिख संगत ने बढ़-चढ़कर मतदान में भाग लिया।
गुरतेज सिंह का आभार
गुरतेज सिंह ने अपनी ऐतिहासिक जीत के बाद संगत का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे सिख समुदाय की है। मैं अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी से संगत की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।”
उनकी जीत पर परिवार और समर्थकों में खुशी का माहौल देखा गया। गुरतेज की माता ने कहा, “गुरतेज बचपन से ही सेवा और संगत के प्रति समर्पित रहा है। यह जीत उसकी मेहनत और संगत के आशीर्वाद का परिणाम है।”
जश्न का माहौल
गुरतेज सिंह के घर पर जीत का जश्न बड़े धूमधाम से मनाया गया। अरदास और लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में संगत ने भाग लिया। उनकी माता ने मिठाई बांटते हुए सभी का धन्यवाद किया। यह दिन परिवार के लिए बेहद भावनात्मक और गौरवपूर्ण था।
चुनाव का महत्व
एचएसजीपीसी के ये चुनाव न केवल धार्मिक संगठनों में लोकतंत्र को मजबूत करने वाले हैं, बल्कि गुरुद्वारों के प्रबंधन और विकास में सुधार की दिशा में भी एक अहम कदम साबित होंगे। सिख संगत की जागरूकता और एकजुटता ने इन चुनावों को ऐतिहासिक बना दिया है। गुरतेज सिंह की जीत संगत के समर्थन और उनकी मेहनत का प्रतीक है, जो सिख धर्म और समाज के विकास में एक नई दिशा प्रदान करेगी।