दिल्ली एनसीआर से सटे हरियाणा के Gurgaon में पानी की किल्लत लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। सुशांत लोक-1 में रहने वाले लगभग 400 परिवार पिछले 15 दिनों से साफ पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि लोगों को पानी खरीदना पड़ रहा है या निजी टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है।
गंदा पानी बना बीमारी का कारण
लोगों की शिकायत है कि नलों से पानी के बजाय कीचड़ और कीटयुक्त गंदा पानी आ रहा है। इसे पीना तो दूर देखना भी मुश्किल है। ब्लॉक सी के निवासी सुधीर सचदेवा ने बताया, “गंदा पानी इस्तेमाल करने की वजह से मेरे बेटे को टाइफाइड हो गया है। कई लोग पेट की बीमारियों से परेशान हैं।” उन्होंने कहा कि 400 परिवार इस समस्या से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
बोतलबंद पानी और टैंकरों पर निर्भरता
समस्या का समाधान न होने के कारण, लोग अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करने के लिए बोतलबंद पानी और निजी टैंकरों पर निर्भर हैं। एक अन्य निवासी नितिन भुई ने कहा, “हमें पीने और खाना पकाने के लिए बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है। यहां तक कि कपड़े धोने के लिए भी पानी दाग छोड़ता है। पिछले चार दिनों में हमने तीन निजी टैंकर मंगवाए हैं। सर्दियों में जब यह स्थिति है, तो गर्मियों में क्या होगा?”
शिकायतों पर नहीं हुआ समाधान
लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार शिकायतें दर्ज कराई हैं, लेकिन एमसीजी (म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ गुड़गांव) की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला। निवासियों का आरोप है कि एमसीजी द्वारा लगाए गए बोरवेल ही गंदे पानी के मुख्य स्रोत हैं।
एमसीजी और जीएमडीए का क्या कहना है?
एमसीजी के चीफ इंजीनियर मनोज कुमार ने इस समस्या को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन लीकेज के कारण यह समस्या हो रही है। “हमारी टीम इलाके का निरीक्षण कर रही है, और लीकेज को ठीक करने का काम जारी है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा।” वहीं, जीएमडीए अधिकारियों ने इसे एमसीजी के प्रबंधित वितरण नेटवर्क की खामियों का परिणाम बताया।
लोगों की अपील: साफ पानी है बुनियादी अधिकार
इलाके के निवासियों का कहना है कि भारी संपत्ति कर चुकाने के बावजूद उन्हें साफ पानी जैसी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही है। सुधीर सचदेवा ने कहा, “साफ पानी विलासिता नहीं, बल्कि एक बुनियादी जरूरत है। इसका तुरंत समाधान किया जाना चाहिए।”
समस्या का स्थायी समाधान जरूरी
तेजी से बढ़ती आबादी और पानी की खपत को देखते हुए, कॉलोनी में साफ पानी की स्थायी व्यवस्था करना बेहद जरूरी हो गया है। गंदे पानी की समस्या सिर्फ स्वास्थ्य पर नहीं, बल्कि दैनिक जीवन पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है।