Haryana में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध है। फिर भी फ्रोह के बावजूद सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल जारी है। इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने अब सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादकों, विनिर्माताओं से लेकर नगर निगम, परिषद, पालिकाओं और ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय करते हुए मोटे जुर्माने की तैयारी कर ली है।
स्थानीय निकायों को आबादी के अनुसार पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तहत जहाँ सालाना 1000 करोड़ रुपए तक देने पड़ सकते हैं, वहीं सिंगल यूज प्लास्टिक बनाने वाली फैक्टरीयों को 500 करोड़ रुपए तक जुर्माना देना पड़ेगा। ग्राम पंचायतों को भी पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तहत 50 हजार रुपे तक देने होंगे।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त और सचिव विकास गुप्ता ने इस संदर्भ में आदेश जारी किये हैं। इसके अलावा जिल्ला परिषद के सीईओ, सामाजिक शिक्षा तथा पंचायत के प्राधिकारी और पंचायती राज विभाग के एक्सईएन, एसडीओ और जेई को आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की अधिकारी दी गई है।
फैक्टरियों में 30 सितम्बर 2021 तक अप्रयुक्त या पुनः चक्रित प्लास्टिक से बने कैरी बैग 75 माइक्रोन तथा 31 दिसम्बर 2022 के बाद से 120 माइक्रोन से कम मोटाई के नहीं होंगे। गैर बुना हुआ प्लास्टिक कैरी बैग 60 ग्राम प्रति वर्ग मीटर से कम नहीं होगा।
आदेशों के उल्लंघन करने पर होगा ये कार्रवाई:
आदेशों के उल्लंघन की स्थिति में सारे उत्पादन को जब्त कर फैक्टरी को बंद किया जाएगा। संशोधित नियमों के अनुसार गुटका, तम्बाकू तथा पान मसाला के भंडारण, पैकिंग या बिक्री के लिए प्लास्टिक के सैशे की जांच की सूचना होगी। एक केस की कार्रवाई में फैक्टरी पर ताला जुड़ दिया जाएगा, बल्कि पहले उल्लंघन पर पांच हजार रुपे प्रति टन, दूसरी बार 10 हजार रुपे प्रति टन और तीसरी बार नियमों के अनुसार में 20 हजार टन जुर्माना वसूला जाएगा।