नगर Panchayat मूनक में हाल ही में हुए चुनावों के बाद, चुनाव संयोजक और उपमंडलाधीश सूबा सिंह के नेतृत्व में विजयी पार्षदों को शपथ दिलाई गई। हालांकि, नगर पंचायत अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, और उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका और बैठक स्थगित कर दी गई।
बैठक में स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री एडवोकेट बरिंदर गोयल सहित नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षद भी मौजूद थे। चुनाव को सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए डीएसपी मूनक परमिंदर सिंह ग्रेवाल और थाना प्रभारी की अगुवाई में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
बैठक स्थगित, चुनाव पर असहमति
चुनाव संयोजक सूबा सिंह ने बताया कि विजयी पार्षदों को शपथ दिलाई गई, लेकिन अध्यक्ष पद के लिए किसी भी पार्षद द्वारा नामांकन प्रस्तावित नहीं किया गया। इसके चलते बैठक को स्थगित कर दिया गया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की नई तारीख जल्द ही तय की जाएगी।
पार्षदों की असहमति और आरोप
कैबिनेट मंत्री गोयल, एसडीएम सूबा सिंह, और अन्य अधिकारी बैठक से साढ़े तीन बजे चले गए। इसके बाद वार्ड 3 की पार्षद प्रभजोत कौर और उनके छह समर्थक शाम पांच बजे तक कार्यालय में मौजूद रहे। उन्होंने अधिकारियों के चुनाव न कराने पर सवाल उठाए।
प्रभजोत कौर ने कहा, “हमारे पास 13 में से 7 पार्षदों का बहुमत है, लेकिन फिर भी चुनाव नहीं कराया गया। अधिकारियों ने जानबूझकर बहुमत वाले पार्षदों को नजरअंदाज किया।”
अधिकारियों का पक्ष
चुनाव संयोजक और एसडीएम सूबा सिंह ने बताया कि शपथ ग्रहण के बाद किसी भी पक्ष ने अध्यक्ष पद के लिए स्पष्ट रूप से नामांकन नहीं किया, जिसके कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी।
प्रभजोत कौर का समर्थन और आरोप
वार्ड 3 की पार्षद प्रभजोत कौर ने चुनाव संयोजक और अधिकारियों पर पार्षदों के बहुमत को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 7 पार्षदों ने उनके नाम का प्रस्ताव अध्यक्ष पद के लिए दिया था, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरी ओर, 6 पार्षदों द्वारा भी अलग से नामांकन किए गए थे, जिससे सहमति नहीं बन सकी।
विवादित स्थिति बनी रही
पार्षदों ने कहा कि चुनाव न कराए जाने से कई सवाल खड़े होते हैं, जिनका समाधान जल्द होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर चुनाव को टाल दिया है, जिससे नगर पंचायत मूनक में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।