खनूरी बॉर्डर पर किसान नेता Jagjit Dallewal का आमरण अनशन आज 28वें दिन में प्रवेश कर चुका है। उनकी सेहत बेहद नाजुक हो गई है। डॉ. स्वेमान सिंह के मेडिकल इंस्टीट्यूट के अनुसार, उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो चुकी है और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। रविवार को खराब सेहत के चलते डल्लेवाल मंच पर नहीं आए।
डॉक्टरों ने जताई गंभीर चिंता
डॉ. अवतार सिंह ढिल्लों ने जानकारी दी कि डल्लेवाल की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो कोई अप्रिय खबर सुनने को मिल सकती है।
- भारी बारिश ने आंदोलनकारी किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
- कई तंबू पानी भरने से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे किसानों को पूरी रात जागकर बितानी पड़ी।
- डॉक्टरों ने बारिश और ठंड से बचाव के लिए किसानों को आश्रय दिया और बीमारियों के खतरे को लेकर आगाह किया।
सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पर सवाल
डॉ. स्वमन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दल्लेवाल की सेहत को लेकर दी गई रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी हालत सामान्य है, जबकि डॉ. सिंह ने इसे गलत बताया।
- उन्होंने इसे डल्लेवाल की जिंदगी के साथ राजनीति खेलने जैसा करार दिया और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
खनूरी बॉर्डर बना आंदोलन का केंद्र
दल्लेवाल के आमरण अनशन के बाद खनूरी बॉर्डर किसान आंदोलन का नया केंद्र बन गया है।
- किसानों ने ठंड से बचाव के लिए पक्के शेड और लकड़ी का इंतजाम किया है।
- कंबल, गर्म कपड़े और वाईफाई जैसी सुविधाएं भी जुटाई जा रही हैं।
- किसान एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
आंदोलन के समर्थन में कार्यक्रम
- 24 दिसंबर: शाम 5:30 बजे कैंडल मार्च।
- 30 दिसंबर: पंजाब बंद का आह्वान।
संयुक्त किसान मोर्चा का रुख
दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने खनूरी बॉर्डर आंदोलन में सीधे तौर पर हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन समर्थन का इरादा जताया है।
- 21 दिसंबर: पटियाला में बैठक हुई, जिसमें एसकेएम नेता डॉ. दर्शन पाल और किसान मजदूर मोर्चा के नेता शामिल हुए।
- अगली बैठक 24 दिसंबर को प्रस्तावित है।