पंजाब के मुख्यमंत्री Bhagwant Mann ने सोमवार को कहा कि माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादे, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का अतुलनीय बलिदान आने वाली पीढ़ियों को अन्याय, अत्याचार, और जुल्म के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देता रहेगा।
गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में माथा टेकते हुए मुख्यमंत्री ने छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी के महान बलिदान को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि ये बलिदान मानवता के इतिहास में अभूतपूर्व हैं और समूची दुनिया के लिए गर्व की बात है।
Bhagwant Mann ने कहा कि दिसंबर का महीना पंजाब में ‘शोक माह’ के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी समय क्रूर शासकों ने छोटे साहिबजादों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया था। उन्होंने कहा कि यह बलिदान न केवल पंजाबियों या भारतीयों बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा और सम्मान का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र को अत्यंत पवित्र बताते हुए कहा कि इसकी हर इंच भूमि इतिहास की महान कुर्बानियों से ओतप्रोत है। शहीद जोड़ मेल के आयोजन के माध्यम से हर साल साहिबजादों और माता गुजरी जी के बलिदान को स्मरण किया जाता है।
भगवंत मान ने साहिबजादों की वीरता और निस्वार्थ सेवा के गुणों को दशमेश पिता, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब का इतिहास महान गुरुओं, श्री गुरु अर्जन देव जी, श्री गुरु तेग बहादुर जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के असंख्य बलिदानों से प्रेरित है।
मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी को इन बलिदानों से परिचित कराने और उन्हें देशभक्ति व निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने याद किया कि अपने लोकसभा सदस्य कार्यकाल के दौरान उन्होंने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे पुत्रों के शहीदी दिवस पर सदन में श्रद्धांजलि दिलवाई थी।
भगवंत मान ने कहा कि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने अपने कम उम्र में ही अद्वितीय साहस और निडरता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महान गुरुओं और शहीदों के दिखाए रास्ते पर चलते हुए समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और इस उद्देश्य में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।