क्रिकेटर और राजनेता Navjot Sidhu और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू की मुश्किलें उनके कैंसर संबंधी बयान के बाद बढ़ती नजर आ रही हैं। छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने दोनों को कानूनी नोटिस जारी किया है, जिसमें सात दिनों के भीतर इलाज से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की गई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए बयान पर विवाद
नवजोत सिद्धू ने कुछ दिन पहले अमृतसर स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनकी पत्नी ने स्टेज-4 कैंसर को केवल डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए हराया। उन्होंने कहा कि 40 दिनों की विशेष डाइट, जिसमें नीम की पत्तियां, नींबू पानी, तुलसी, हल्दी जैसे तत्व शामिल थे, ने बीमारी को मात देने में मदद की।
सिविल सोसायटी की आपत्ति
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने इस बयान को भ्रमित करने वाला बताते हुए नवजोत सिद्धू और उनकी पत्नी पर भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है। सिविल सोसायटी ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या नवजोत कौर ने एलोपैथिक उपचार को पूरी तरह नजरअंदाज किया और केवल प्राकृतिक उपायों से स्वस्थ हुईं।
कानूनी नोटिस का विवरण
सिविल सोसायटी ने नवजोत दंपत्ति से यह स्पष्ट करने को कहा है कि उनके दावे प्रमाणित हैं या नहीं। साथ ही, सिविल सोसायटी ने लिखा है कि यदि ये दावे सही नहीं हैं, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी। ऐसा न करने पर दंपत्ति के खिलाफ ₹850 करोड़ (100 मिलियन डॉलर) के मुआवजे का दावा किया जाएगा।
एलोपैथिक समुदाय का विरोध
नवजोत सिद्धू के इस बयान का एलोपैथिक समुदाय ने भी कड़ा विरोध किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कैंसर जैसे गंभीर रोग को लेकर इस प्रकार की भ्रामक जानकारी लोगों को गुमराह कर सकती है और वैज्ञानिक उपचार में विश्वास को कमजोर कर सकती है।
सिविल सोसायटी का रुख
सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंगी ने कहा, “हमने नवजोत कौर सिद्धू से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या वे अपने पति के दावों का समर्थन करती हैं। यदि हां, तो प्रमाणित दस्तावेज पेश करें, जो यह साबित करें कि स्टेज-4 कैंसर का इलाज केवल डाइट और लाइफस्टाइल से संभव हुआ है।”
आगे की स्थिति
इस मामले को लेकर नवजोत सिद्धू और उनकी पत्नी का कोई आधिकारिक बयान फिलहाल सामने नहीं आया है। यदि वे सिविल सोसायटी की मांगों को पूरा नहीं करते, तो इस विवाद के और गहराने की संभावना है।