Ambe ji ki Aarti Lyrics: माँ अम्बे जी की आरती प्रतिदिन और खास तौर पर नवरात्रे में की जाती है माँ अम्बे जी की आरती शुद्ध हिंदी में।
Ambe ji ki Aarti
माँ अम्बे जी की आरती से माँ आदिशक्ति की कृपा प्राप्त होती है भक्तों को प्रतिदिन विधिविधान से माता आदिशक्ति की पूजा करने के पश्चात् माँ अम्बे जी की आरती करनी चाहिए तथा नवरात्रे के अवसर पर विशेष रूप से माँ अम्बे जी की आरती करनी चाहिए, माँ अम्बे जी की नित्य आराधना और आरती करने से माँ अम्बे की कृपा प्राप्त होती है।
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माँ अम्बे जी की आरती | Ambe ji ki Aarti Lyrics in Hindi
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
तेरे भक्त जनो पर,
भीर पड़ी है भारी माँ ।
दानव दल पर टूट पडो,
माँ करके सिंह सवारी ।
सौ-सौ सिंहो से है बलशाली,
अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को पलमे संहारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
माँ बेटे का है इस जग मे,
बडा ही निर्मल नाता ।
पूत – कपूत सुने है पर न,
माता सुनी कुमाता ॥
सब पे करूणा दरसाने वाली,
अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
नही मांगते धन और दौलत,
न चांदी न सोना माँ ।
हम तो मांगे माँ तेरे मन मे,
इक छोटा सा कोना ॥
सबकी बिगडी बनाने वाली,
लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती ।
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली ।
तेरे ही गुण गाये भारती,
ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥
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