Gurdaspur के एक निजी अस्पताल के बाहर नवजात बच्ची की मौत पर उसके परिजनों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के सामने धरना दिया और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। परिजनों का दावा है कि डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन लगाया, जिससे बच्ची को रिएक्शन हुआ, उसकी हालत बिगड़ी और अंततः उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर का पक्ष
नवजात का इलाज करने वाले डॉक्टर चेतन नंदा ने बताया कि बच्ची डेढ़ माह की थी और जन्म से ही असामान्य थी। परिजनों के अनुसार, बच्ची का जन्म के समय वजन 3 किलो था, लेकिन बाद में उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया। डॉक्टर नंदा ने कहा, “परिवार ने बच्ची को कई जगह दिखाया, लेकिन जब हालत नहीं सुधरी तो उसे मेरे पास लाया गया। बच्ची कमजोर थी, दूध नहीं पी रही थी, और सुस्त हो गई थी। यह लक्षण शारीरिक कमजोरी और डाउन सिंड्रोम से जुड़े हो सकते हैं।”
डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को भर्ती करने के बाद ट्यूब के जरिए दूध दिया गया, लेकिन वह पेट में फंस गया। नसों की समस्या के कारण इलाज जटिल हो गया। दो दिन तक उपचार के बाद बच्ची को दो इंजेक्शन दिए गए, जिससे उसकी स्थिति में कुछ सुधार हुआ। हालांकि, तीसरे दिन उसे स्ट्रोक आया और उसे तुरंत अमृतसर रेफर कर दिया गया। वहां बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई।
डॉक्टर नंदा ने कहा, “हमने बच्ची के इलाज में कोई गलती नहीं की। अगर परिवार लिखित में आरोप लगाता है कि इलाज में लापरवाही हुई है, तो मैं इसके लिए जिम्मेदार होने को तैयार हूं।”
परिजनों की मांग
बच्ची के परिजन डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि डॉक्टर की गलती ने उनकी बच्ची की जान ले ली।
अभी तक इस मामले में किसी भी पक्ष के खिलाफ आधिकारिक कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा मामले की जांच की जा रही है।