किसान नेता Jagjit Singh Dallewal के 31 दिनों से जारी अनशन और उनकी बिगड़ती सेहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब सरकार की ओर से चिकित्सा सहायता प्रदान करने में देरी पर नाराजगी व्यक्त की। पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि प्रदर्शनकारी किसान नहीं चाहते कि Jagjit Singh Dallewal को प्रदर्शन स्थल से हटाया जाए।
“चिकित्सा सहायता में बाधा चिंताजनक”: सुप्रीम कोर्ट
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने Jagjit Singh Dallewal की स्थिति को लेकर कहा, “कुछ लोग किसान नेता को इस तरह बंधक बनाकर नहीं रख सकते। उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता दी जानी चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की जान खतरे में है, और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
पंजाब सरकार को सख्त निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि यदि कानून-व्यवस्था बिगड़ती है, तो उससे सख्ती से निपटा जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को दल्लेवाल के स्वास्थ्य और चिकित्सा सहायता को लेकर कल तक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया।
इसके साथ ही, राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को सुनवाई में ऑनलाइन उपस्थित रहने को कहा गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान वे स्वयं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जगजीत सिंह डल्लेवाल से बात करेंगे। “हमारी पहली प्राथमिकता उनकी जान बचाना है,” उन्होंने कहा।
जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती स्थिति
70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 32 दिनों से अनशन पर हैं। उन्होंने पहले खाना बंद किया और अब पानी भी नहीं पी रहे हैं। उनके स्वास्थ्य की स्थिति लगातार बिगड़ रही है:
- ब्लड प्रेशर: 88/59 तक गिर गया है।
- स्थिति: पानी पीने के बाद उन्हें उल्टियां हो रही हैं।
उनके साथी किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने उनकी बिगड़ती हालत की जानकारी दी।
सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकता
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता डल्लेवाल की जान बचाना है और इस मामले में किसी भी लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा।