हिसार जिले के Bhiwani Rohilla स्थित आरोही स्कूल के छात्र निजी बसों की छत पर सफर करने को मजबूर हैं। बसों में पर्याप्त जगह न होने के कारण छात्र मजबूरी में छत पर बैठते हैं, जिससे उनकी जान को गंभीर खतरा बना हुआ है। हाईटेंशन बिजली लाइनों की चपेट में आने और गिरने की आशंका के बावजूद ये बसें नियमों की अनदेखी करते हुए फर्राटे भर रही हैं।
छात्रों का आरोप: सीटों की कमी और किराया वसूली
छात्रों ने बताया कि बसों में बैठने की जगह न होने के कारण उन्हें छत पर सफर करना पड़ता है। इसके अलावा, सरकार के मुफ्त आवागमन सुविधा के दावों के विपरीत उनसे 5-5 रुपये किराए के रूप में वसूला जा रहा है। सफर के दौरान बसों के ब्रेक लगने या सड़क किनारे बिजली तारों से टकराने का खतरा हमेशा बना रहता है।
परिवहन विभाग की अनदेखी
निजी बसों को रूट परमिट जारी करते समय संचालन के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। लेकिन बालसमंद से भादरा वाया हिसार चलने वाली बसें खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।
रोडवेज प्रशासन का बयान
हिसार रोडवेज के जीएम डॉ. मंगल सेन ने छात्रों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कहा कि बसों की छत पर सफर और किराया वसूली के मामलों में जांच की जाएगी। उन्होंने आरटीए और परिवहन विभाग से निजी बस संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सुरक्षा की जरूरत
छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। परिवहन विभाग और बस संचालकों की लापरवाही न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि छात्रों की जान को भी खतरे में डाल रही है। यह स्थिति सरकार के फ्री शिक्षा और आवागमन सुविधा के दावों की हकीकत बयां करती है।
परिवहन विभाग को तत्काल प्रभाव से इस समस्या का समाधान करना चाहिए और दोषी बस संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए, और इस तरह के खतरनाक सफर को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।