Shiv Chalisa Lyrics in Hindi: भगवान शिव अन्तर्यामी हैं भगवान शिव शंकर को भोलेनाथ भी कहा जाता है और शिव चालीसा का पाठ करने से भोलेनाथ की कृपा बरसती है।
Shiv Chalisa Lyrics in Hindi
भगवान भोलेनाथ तिनोलोकों के स्वामी हैं और जिसने भी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर लिया समझो उस मनुष्य का जीवन सभी सुखों को प्राप्त करता है, भगवान भोलेनाथ के बारे में कहा गया है की अन्य देवी देवताओं की अपेक्षा भगवान भोलेनाथ को मनाना या प्रसन्न करना बहुत सरल है।
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भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए केवल सच्चे मन से भोलेनाथ की सेवा और स्मरण किया जाए तो तो भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और जातक को भगवान भोलेनाथ सभी प्रकार से सुख प्रदान करते हैं और भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को अभय बना देते हैं।
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए इसके अलावा शिव चालीसा का पाठ हर सोमवार को करना चाहिए और विधिविधान से पूजा आरती करना चाहिए।
शिव चालीसा हिंदी में | Shiv Chalisa Lyrics
॥दोहा॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥
॥चौपाई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥१
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥२
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥३
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ ४
मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥५
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥६
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥७
कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ ८
देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥९
किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥१०
तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥११
आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥१२
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥१३
किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥१४
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥१५
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥१६
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥१७
कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥१८
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥१९
सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥२०
एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥२१
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥२२
जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥२३
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥२४
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥२५
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥२६
मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥२७
स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥२८
धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥२९
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥३०
शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥३१
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥३२
नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥३३
जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥३४
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥३५
पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥३६
पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥३७
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥३८
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥३९
जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥४०
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥४१
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥
Disclaimer
Shiv Chalisa से सम्बंधित यहाँ दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं हम (trendstopic.in) किसी भी तरह से इसकी पुष्टि नहीं करते हैं, किसी भी प्रयोग आदि से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले लें।
FAQ
Q. श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ कौन कौन कर सकता है?
Ans. श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ हर मनुष्य कर सकता है इसमें किसी के लिए कोई बंधन नहीं है
Q. श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa) में कितनी चौपाई हैं?
Ans. श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa) में कुल 41 चौपाई हैं
Q. श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?
Ans. श्री शिव चालीसा (Shiv Chalisa) का पाठ हर सोमावर को करना चाहिए