Punjab में सरकारी बस कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरा दिन, यात्रियों को हो रही परेशानी - Trends Topic

Punjab में सरकारी बस कर्मचारियों की हड़ताल का दूसरा दिन, यात्रियों को हो रही परेशानी

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Punjab रोडवेज, पीआरटीसी, और पनबस के ड्राइवर, कंडक्टर और अन्य कर्मचारियों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है। सोमवार को तीन हजार से ज्यादा सरकारी बसें बंद रहीं, जिससे आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस बंदी के कारण सरकार को साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

आज हड़ताली कर्मचारी मोहाली में इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री भगवंत मान के चंडीगढ़ स्थित आवास की ओर विरोध मार्च करेंगे। इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

धरना और विरोध मार्च का कार्यक्रम
Punjab रोडवेज, पनबस, और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने सुबह 10 बजे मोहाली में धरना शुरू किया। दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री के आवास की ओर मार्च निकाला जाएगा। जब कर्मचारी मोहाली पहुंचे, तो चंडीगढ़-लुधियाना हाईवे को बंद कर दिया गया था। पुलिस ने हस्तक्षेप कर मार्ग को फिर से खुलवाया।

हड़ताल 6 जनवरी से 8 जनवरी तक चलेगी, जिसके दौरान सरकारी बस सेवाएं पूरी तरह ठप रहेंगी। निजी बसों पर निर्भरता बढ़ने से यात्रियों को अधिक किराया और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

कर्मचारियों की मांगें और सरकार का रुख
हड़ताली कर्मचारी स्थायी नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं। पनबस और पीआरटीसी ठेका मुलाजिम यूनियन ने पिछले महीने अपनी मांगों को लेकर मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा था। बावजूद इसके, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कर्मचारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्यों हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति हो रही है, जबकि पंजाब सरकार उमा देवी केस के फैसले का बहाना बनाकर उनकी अनदेखी कर रही है।

पिछली बैठक और वादाखिलाफी का आरोप
कर्मचारियों ने बताया कि पिछले साल 1 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यूनियन के साथ बैठक में मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने परिवहन विभाग के लिए नई नीति बनाने की भी बात कही थी। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

इसके बजाय, पुरानी 10 साल पुरानी नीतियों के तहत टेस्ट और अन्य शर्तें लगाकर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने पर ठेका प्रथा समाप्त करने का वादा किया था। लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, जिसके विरोध में यूनियन ने यह हड़ताल की है

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