ओलंपिक में कुछ ही अंक से मेडल से चूकी Ritika Hooda ने हार नहीं मानी और डेंगू के बावजूद अपनी जिद्द को पूरा करते हुए विश्व सैन्य प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत लिया।
20 से 23 नवंबर तक अल्बानिया में आयोजित इस प्रतियोगिता में रितिका ने 75 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया। इस शानदार जीत से रितिका के परिवार में खुशी का माहौल है।
रितिका की मां, नीलम हुड्डा ने बताया कि रितिका को कई बार समझाया गया था कि वह इस प्रतियोगिता में हिस्सा न लें, क्योंकि उस समय डेंगू के कारण रितिका का प्लेटलेट काउंट केवल 28000 तक पहुंच चुका था, और डॉक्टरों ने भी उसे आराम करने की सलाह दी थी। बावजूद इसके, रितिका ने अपनी जिद्द कायम रखी और विश्व सैन्य प्रतियोगिता में भाग लेकर गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य पूरा किया।
रितिका के पिता और भाई दोनों मिलिट्री में हैं, और रितिका की बचपन से यह ख्वाहिश थी कि वह भी इस प्रतियोगिता का हिस्सा बने। रोहतक के छोटू राम स्टेडियम में अपनी प्रैक्टिस से रितिका ने इस मुकाम तक पहुंचने में सफलता पाई।