Ram ji ki Aarti Lyrics in Hindi: श्रीराम भगवान जगत के पालनहार हैं, भगवान की नित्य पूजन करने के पश्चात् आरती जरुर करना चाहिए। यहाँ आपको भगवान श्रीराम जी की 3 आरतियाँ शुद्ध हिंदी में दी गई हैं।
Ram ji ki Aarti Lyrics in Hindi
भगवान श्रीरामचंद्र को मर्यादा पुरषोत्तम कहा जाता है सभी सनातनी भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना करते हैं, भगवान श्रीराम जी का पूजन प्रतिदिन करना चाहिए और श्रीराम रक्षास्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए साथ ही भगवान श्रीराम की आरती गाना चाहिए इसके साथ ही भगवान श्रीराम के परम भक्त महाबली हनुमान जी की आराधना करना चाहिए।
अम्बे जी की आरती | श्रीबाला जी की आरती | हनुमान जी की आरती | श्रीराम रक्षास्तोत्रम् | श्री हनुमान चालीसा
इसके साथ ही वर्ष में होने वाले दोनों नवरात्रे में भगवान श्रीराम जी की आराधना करना अतिउत्तम होता है नवरात्रे के नौ दिनों तक श्रीराम रक्षा स्तोत्रम् का का पाठ करें और माता आदिशक्ति के साथ साथ श्रीराम जी की आरती कहें।
यदि आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो श्रीराम जी की आरधना और श्रीराम नाम का जाप करें इसके साथ ही नित्य श्रीराम जी की आरती कहें जिससे महाबली हनुमान अतिप्रसन्न होते हैं, जहाँ भी प्रभु श्रीराम जी के नाम का जाप होता है वहाँ हनुमान जी स्वयं कृपा बरसाते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
श्री राम जी की आरती (1) | Ram ji ki Aarti Lyrics (1)
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख कर कंज पद कंजारुणम् ॥१
कन्दर्प अगणित अमित छवि, नव नील नीरद सुन्दरम्।
पट पीत मानहुं तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक सुतावरम्॥२
भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनम्।
रघुनन्द आनन्द कन्द कौशल चन्द्र दशरथ नन्द्रम् ॥३
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारु अंग विभूषणम्।
आजानुभुज शर चाप-धर, संग्राम जित खरदूषणम्॥४
इति वदति तुलसीदास, शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कंज निवास कुरु, कामादि खल दल गंजनम्॥५
मन जाहि राचेऊ मिलहि सो वर सहज सुन्दर सांवरो।
करुणा निधान सुजान शील सनेह जानत रावरो ॥६
एहि भांति गौरी असीस सुन सिय हित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७
॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल, सिय हिय हरषु न जाई कही।
मंजुल मंगल मूल, बाम अंग फरकन लगे ॥
श्री राम जी की आरती (2) | Ram ji ki Aarti Lyrics (2)
आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिया पी की ।।१
आरती श्री रामायण जी की…
गावत ब्रह्मादिक मुनि नारद,
बाल्मीकि विज्ञान विशारद ।
सुक सनकादि शेष अरू शारद,
बरनी पवन सुत कीर्ति निकी ।।२
आरती श्री रामायण जी की …
गावत वेद पुराण अष्टदस,
छओं शाश्त्र सब ग्रन्थ को रस ।
मुनिजन धन संतन को सरबस,
सार अंश सम्मत सब ही की ।।३
आरती श्री रामायण जी की…
गावत संतत शम्बू भवानी,
अरू घट संभव मुनि विग्यानी।
व्यास आदि कवी पुंज वखाणी,
काग भुसुंडि गरुड़ के ही की ।।४
आरती श्री रामायण जी की…
कलिमल हरनि विषय रास फीकी,
सुभग सिंगार मुक्ति जुवती की ।
दलन रोग भव भूरी अभी की,
तात मात सब विधि तुलसी की ।।५
आरती श्री रामायण जी की…
कीरति कलित ललित सिया पी की
श्री राम जी की आरती (3) | Ram ji ki Aarti Lyrics (3)
आरती कीजै रामचन्द्र जी की।
हरि-हरि दुष्टदलन सीतापति जी की॥१
पहली आरती पुष्पन की माला।
काली नाग नाथ लाये गोपाला॥२
दूसरी आरती देवकी नन्दन।
भक्त उबारन कंस निकन्दन॥३
तीसरी आरती त्रिभुवन मोहे।
रत्न सिंहासन सीता रामजी सोहे॥४
चौथी आरती चहुं युग पूजा।
देव निरंजन स्वामी और न दूजा॥५
पांचवीं आरती राम को भावे।
रामजी का यश नामदेव जी गावें॥६
Disclaimer
Ram ji ki Aarti से सम्बंधित यहाँ दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं हम (trendstopic.in) किसी भी तरह से इसकी पुष्टि नहीं करते हैं, किसी भी प्रयोग आदि से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले लें।
Wow superb blog layout How long have you been blogging for you make blogging look easy The overall look of your site is magnificent as well as the content