मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में Punjab सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल की है। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के सपनों को साकार करने के उद्देश्य से राज्य में 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस की शुरुआत की गई है। इसके अलावा, जेईई और नीट की तैयारी के लिए मोहाली और जालंधर में विशेष कैंप लगाए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की उच्चस्तरीय तैयारी मुफ्त में मिल रही है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है, “यह केवल एक प्रयास नहीं है, बल्कि यह साबित करेगा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी जेईई और नीट जैसी परीक्षाएं क्रैक कर सकते हैं।”
शिक्षकों की ट्रेनिंग और शिक्षा प्रणाली में सुधार
सरकारी स्कूलों के अध्यापकों और प्रिंसिपलों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इनमें से 200 प्रिंसिपल्स को सिंगापुर की प्रतिष्ठित प्रिंसिपल अकादमी में, और 150 हेड मास्टरों को आईआईएम अहमदाबाद में स्कूल प्रबंधन और नेतृत्व में प्रशिक्षण दिया गया। प्राइमरी शिक्षा को मजबूत करने के लिए 72 शिक्षकों को फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कू में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हुआ।
सुविधाओं में सुधार और संसाधनों का आवंटन
राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों की देखभाल और सुरक्षा के लिए 82 करोड़ रुपये जारी किए हैं। 1689 कैम्पस मैनेजर्स, 1265 सुरक्षा गार्ड और 1734 चौकीदारों की भर्ती के साथ स्कूलों में सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था की गई है।
118 स्कूल ऑफ एमिनेंस में हाई-स्पीड फाइबर वाईफाई इंटरनेट कनेक्शन लगाया गया है, जिस पर 29.3 करोड़ रुपये खर्च किए गए। प्रयोगशालाओं, शौचालयों, और अन्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए 120.43 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं।
पंजाब का नया शैक्षणिक चेहरा
पंजाब सरकार के इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। ये पहल न केवल छात्रों के भविष्य को संवारने में मदद करेगी, बल्कि राज्य को एक नए शैक्षणिक युग की ओर ले जाएगी।