प्रयागराज महाकुंभ में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अनोखी हस्ती, IITian बाबा, खूब चर्चा में हैं। असल नाम अभय सिंह, हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले इस युवा का जीवन साधु बनने के फैसले के बाद पूरी तरह बदल गया। उनकी कहानी ने न केवल सोशल मीडिया बल्कि उनके परिवार को भी चौंका दिया है।
इंजीनियर से बाबा बनने का सफर
अभय सिंह, झज्जर बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान करण सिंह ग्रेवाल के बेटे हैं। उन्होंने IIT बॉम्बे से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE) की पढ़ाई की और कनाडा में 36 लाख के सालाना पैकेज वाली नौकरी पाई। हालांकि, नौकरी के एक साल बाद ही उन्होंने इसे छोड़ दिया।
जब उनके पिता अभय की शादी की तैयारी कर रहे थे, तभी अभय ने सांसारिक जीवन त्यागकर घर छोड़ दिया। अब वह महाकुंभ में IITian बाबा के नाम से जाने जाते हैं।
परिवार की हैरानी
अभय का परिवार उनके साधु बनने के फैसले से हैरान है। उनके पिता ने बताया कि जब वह कनाडा से घर लौटे थे, तब तक सब सामान्य लग रहा था। उनके बाल और दाढ़ी भी साधारण थीं। लेकिन महाकुंभ में बाबा के रूप में उनकी तस्वीरें देखकर पूरा परिवार हैरान रह गया।
उनकी मां शिला देवी और कनाडा में रह रही बहन मनजीत कौर ने बताया कि अभय का रुझान घूमने-फिरने में ज्यादा था और शायद यहीं से उनका झुकाव आध्यात्मिक जीवन की ओर हुआ।
शिक्षा और करियर
अभय ने IIT बॉम्बे से M.Tech करने के बाद दिल्ली में एक साल नौकरी की। फिर वह 2018 में अपनी बहन के पास कनाडा चले गए, जहां उन्होंने ढाई साल तक एक कंपनी में काम किया। लेकिन नौकरी में उनका मन नहीं लगा।
उनके परिवार की इच्छा थी कि वह वकील या एसपी-डीसी बनें। पर अभय ने सांसारिक जीवन छोड़कर बैरागी जीवन अपना लिया।
सोशल मीडिया पर चर्चा
महाकुंभ में बाबा के रूप में उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। लोग उनकी शिक्षा, करियर और इस अप्रत्याशित फैसले पर चर्चा कर रहे हैं। उनके पिता का मानना है कि यह उनके बेटे का हृदय परिवर्तन है, जो उन्हें साधु जीवन की ओर ले गया।
अभय सिंह की यह कहानी यह दिखाती है कि जीवन में उच्च शिक्षा और बड़े पैकेज से भी अधिक महत्वपूर्ण आत्मसंतुष्टि हो सकती है।