Haryana में बीते दो दिनों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शनिवार को कैबिनेट बैठक के बाद सभी डिप्टी कमिश्नरों को नुकसान की रिपोर्ट तुरंत तैयार करने के आदेश दिए हैं। जिन किसानों के पास फसल बीमा है, उन्हें बीमा कंपनी से क्लेम दिलवाया जाएगा। वहीं, जिन किसानों का बीमा नहीं है, उन्हें सरकार मुआवजा देगी।
63 गांवों की फसलें तबाह
शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि ने हिसार और फतेहाबाद के 63 गांवों में कहर बरपाया। सरसों, चने और सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। रेवाड़ी, कैथल और महेंद्रगढ़ में भी कई जगहों पर ओलों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
बारिश का सिलसिला जारी, शीतलहर का प्रकोप
शनिवार को भी हरियाणा के पानीपत, करनाल, सोनीपत, नूंह और कुरुक्षेत्र में रुक-रुक कर बारिश होती रही। फतेहाबाद, सिरसा और महेंद्रगढ़ समेत कई जगहों पर बादल छाए रहे और शीतलहर ने ठंड बढ़ा दी।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर में हल्की से मध्यम बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
35 साल का रिकॉर्ड टूटा
हिसार में दिसंबर में बारिश ने 35 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले 24 घंटों में 12-13 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इससे पहले 2017 में दिसंबर में 8 एमएम बारिश हुई थी। वहीं, 1989 में 10 दिसंबर को 24 घंटे में 100 एमएम बारिश दर्ज की गई थी।
क्षेत्रवार फसलों को नुकसान का आकलन
- हिसार: जिले के 50 गांवों में ओलावृष्टि से भारी नुकसान। सरसों और चने की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित। हांसी क्षेत्र में सब्जियों की फसलें भी बर्बाद।
- फतेहाबाद: 13 गांवों में सरसों, सब्जी और चारे की फसल को नुकसान। भिरडाना के आलू उत्पादक खेतों से पानी निकालने में जुटे।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि नुकसान की भरपाई के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। किसान अपनी फसलों के नुकसान की जानकारी प्रशासन को जल्द से जल्द दें, ताकि उन्हें राहत प्रदान की जा सके।