पंजाब एवं Haryana हाईकोर्ट ने आबकारी नीति 2024-25 को चुनौती देने वाली याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने सरकार को 8 अगस्त तक जवाब देने का आदेश दिया है. याचिका में सवाल उठाया गया है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद को छोड़कर सभी जिलों में बार और पब को रात 12 बजे के बाद खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जो स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत असंवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति जगमोहन बंसल की खंडपीठ के समक्ष अपनी याचिका में, डीए बोदेगा हॉस्पिटैलिटी और अन्य याचिकाकर्ताओं ने हरियाणा और अन्य से न्याय, समानता और हित में गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे जिलों में बार और पब खोलने के लिए कहा। निष्पक्षता बनाए रखने के निर्देश मांगे गए हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि वे पंचकुला में बार और पब खोलने में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद आतिथ्य चला रहे हैं। दलील दी गई है कि याचिकाकर्ताओं ने आबकारी नीति 2024-25 के तहत पंचकुला में बार चलाने के लिए अपने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है।
सरकार ने मनमाने ढंग से और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए आबकारी नीति 2024-25 के नियम 9.8.8 में संशोधन करके हरियाणा राज्य के 20 जिलों में बार/पब के खुलने के समय को सीमित कर दिया है, जिसमें पंचकुला और दो जिले, गुरुग्राम और फरीदाबाद भी शामिल हैं। कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए मनमाने ढंग से इन सीमाओं से बाहर रखा गया है। याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि सरकार की इस नीति को रद्द कर पूरे राज्य में ऐसी ही नीति लागू करने का निर्देश दिया जाये.