जुगनी गायन में लंबी हेक के लिए विश्व विख्यात मरहूम पंजाबी लोक गायिका Gurmeet Bawa की बेटी ग्लोरी बावा और उस पर आश्रित परिवार के अन्य मेंबरों के भरण-पोषण के लिए बतौर आर्थिक मदद बुधवार को 2 लाख रुपए दिए गए। यह मदद कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और डीसी घनश्याम थोरी की तरफ से दी गई। ग्लोरी ने परिवार की खराब माली हालत और पुश्तैनी प्रॉपर्टी पर कब्जे के चलते 2 सप्ताह पहले सोशल मीडिया पर देश छोड़ने का एलान किया।
मगर अब मंत्री धालीवाल ने भरोसा दिया है कब्जे भी छुड़वाए जाएंगे। गुरमीत बावा ने पंजाबी गायकी में अपनी जिंदगी के 50 साल से अधिक का वक्त दिया। जनवरी 2022 में उनको मरणोपरांत पदम भूषण से नवाजा गया था। ग्लोरी के मुताबिक फतेहगढ़ चूड़ियां रोड स्थित उनके पुश्तैनी मकान के बाहर सड़क पर 5 दुकानें हैं जो किराए पर हैं। मां-पिता जी के रहते वह लोग किराया देते थे, लेकिन उनके निधन के बाद वह भी बंद कर दिया और दुकान भी खाली नहीं कर रहे हैं।
हालात यहां तक पहुंच गए को फांकाकशी की नौबत आ गई, परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया। इसके बाद उसने 2 हफ्ते पहले सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा का इजहार किया और देश छोड़ने की बात कही। ग्लोरी का कहना था मां और बड़ी बहन लाची बावा के निधन के बाद बड़ी बहन की एक बेटी, एक बेटा, अपनी एक बेटी, छोटी बहन पोपी की एक बेटी और खुद पोपी की जिम्मेदारी भी ग्लोरी पर आ गई।
ग्लोरी बावा की पोस्ट के बाद कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और डीसी घनश्याम थोरी ने उनके घर मुलाकात करने पहुंचे। धालीवाल ने अपनी सेलरी से एक लाख और डीसी ने रेड क्रास सोसायटी की तरफ से एक लाख का चैक ग्लोरी को दिया। धालीवाल ने परिवार को आर्थिक सहयोग देते हुए कहा कि पंजाबी भाषा और संस्कृति को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने वाले हमारे गायक के घर के हालात इतने खराब हो गए। धालीवाल ने कहा कि दुकान पर किए कब्जों को हटवाएंगे।
उन्होंने कहा कि जो लड़की अपनी बहन लाची की मौत के बाद तीन परिवारों का भरण-पोषण कर रही है और इन दुकानों की आमदनी से उसका गुजारा हो सकता है। उन्होंने दुकानदारों से अपील की कि दुकानों का किराया देना शुरू करें या दुकानें खाली कर दें अन्यथा उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि गुरदासपुर में पैदा हुई गुरमीत बवा ने परंपरागत पंजाबी लोक गायन को विदेशों तक पहुंचाया। घोड़ी, जुगनी आदि के लिए मकबूल गुरुमीत को लंबी हेक के लिए मल्लिका-ए-हेक का खिताब मिला था। उनकी हेक 45 सेकेंड रही, जो आज तक का विश्व रिकार्ड है। उनको 1991 में पंजाब सरकार द्वारा राज्य पुरस्कार, पंजाब नाटक अकादमी द्वारा संगीत पुरस्कार, 2002 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार और 2008 में पंजाबी भाषा विभाग द्वारा शिरोमणि गायिका पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।