शिरोमणि अकाली दल के नेता और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाने वाले डिंपी ढिल्लों ने कल पार्टी को अलविदा कह दिया है. इसके बाद अब उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक की है और आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल होने के संकेत दिए हैं . डिंपी ढिल्लों ने कहा कि अगर सीएम भगवंत मान या उनका कोई जिम्मेदार आएगा तो वह उनके साथ मीटिंग करेंगे। उनकी सभी मांगें रखेंगे. अगर सरकार मांगें मानने को तैयार है तो हम पार्टी का समर्थन करेंगे.
उधर, डिंपी के पार्टी छोड़ने से पैदा हुए हालात के बीच अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी मोर्चा संभाल लिया है. आज वह अपने आवास पर गिद्दड़बाहा के अकाली नेताओं की बैठक लेने वाले हैं. बैठक के लिए बड़ी संख्या में समर्थक पहुंचने लगे हैं.
बता दें कि डिंपी ढिल्लों ने पार्टी छोड़ने के पीछे मनप्रीत बादल का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि हम जैसे लोग सिर्फ इस्तेमाल के लिए हैं. उन्होंने कहा कि मनप्रीत बादल जल्द ही शिरोमणि अकाली दल में शामिल होंगे जिसके बाद पार्टी बादल को वहां से उम्मीदवार बनाएगी.
उधर, अकाली नेताओं ने डिंपी ढिल्लों से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है। इसके साथ ही इस मामले को लेकर अकाली नेता मनतार सिंह बराड़ ने कहा कि जब मनप्रीत सिंह बादल अकाली दल में शामिल ही नहीं हुए तो उन्हें पार्टी का टिकट कैसे दिया जा सकता है. उन्होंने पार्टी के समर्थकों से उनका समर्थन करने की अपील की है.
गिद्दड़बाहा सीट का निर्माण 1967 में हुआ था। यहां से पहला चुनाव कांग्रेस नेता हरचरण सिंह बराड़ ने जीता था. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल इस सीट से 1969, 72, 77, 80 और 85 में लगातार पांच बार जीते. 1992 में कांग्रेस नेता रघुबीर सिंह जीते. इसके बाद मनप्रीत बादल ने 1995, 97, 2002 और 2007 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर सीट जीती. जबकि कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग इस सीट से 2012, 2017 और 2022 में जीत चुके हैं लेकिन अब वह लुधियाना से लोकसभा सदस्य हैं। उन्होंने इस सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. इस वजह से यह सीट खाली हो गई है.