दिल्ली High Court ने बुधवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें जेल से सरकार चलाने के लिए सीएम Arvind Kejriwal के लिए उचित व्यवस्था करने का आदेश देने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए उन पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। साथ ही High Court ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या हम आपातकाल लगा दें?
याचिकाकर्ता वकील श्रीकांत प्रसाद ने मांग की थी केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने के लिए उचित व्यवस्था की जाए और उनसे इस्तीफे की मांग करने वाली खबरों पर रोक लगाई जाए। वकील श्रीकांत प्रसाद ने कहा था कि न तो भारत का संविधान और न ही कोई कानून मुख्यमंत्री/ प्रधानमंत्री सहित किसी भी मंत्री को न्यायिक हिरासत में रहकर जेल परिसर से सरकार चलाने से रोकता है।
याचिका में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित कथित भ्रामक, सनसनीखेज शीर्षकों को प्रसारित करने से मीडिया को रोकने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस पीएस अरोड़ा की बेंच ने कहा कि कोर्ट मीडिया पर सेंसरशिप नहीं लगा सकती और न ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बयान देने से रोक सकती है।
Arvind Kejriwal की अर्ज़ी पर कोर्ट देगा फैसला
शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट 10 मई को फैसला सुनाएगा। मंगलवार को कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की थी। हालांकि जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच बिना फैसला सुनाए ही उठ गई थी। कोर्ट अब शुक्रवार को अंतरिम आदेश देगी।