पंजाब सरकार और किसानों के बीच टकराव गहराता जा रहा है। संयुक्त Kisan मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की हिरासत के बाद किसानों का गुस्सा चरम पर है। पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान खनुरी बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं।
दल्लेवाल की रिहाई के लिए आंदोलन तेज
दल्लेवाल की रिहाई की मांग को लेकर खनुरी बॉर्डर पर किसान संगठनों की बैठक हो रही है। इस बीच, उनकी जगह किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। किसान नेता रणनीति बनाकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
हरियाणा-पंजाब के किसान जुटे
- हरियाणा के सिरसा से बड़ी संख्या में किसान खनुरी बॉर्डर की ओर रवाना हो गए हैं।
- पंजाब के विभिन्न जिलों से भी किसानों का जमावड़ा खनुरी बॉर्डर पर बढ़ता जा रहा है।
पंजाब सरकार पर बढ़ा दबाव
किसानों का आक्रोश देखते हुए भगवंत मान सरकार ने नरम रुख अपनाने की कोशिश की है। सूत्रों के अनुसार, शाम को पंजाब सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक हो सकती है। हालांकि, किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि वे बैठक के लिए कहीं और नहीं जाएंगे और बातचीत खनुरी बॉर्डर पर ही होगी।
केंद्र और पंजाब सरकार पर आरोप
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केंद्र और पंजाब सरकार पर सवाल उठाए हैं:
- केंद्र सरकार ने दल्लेवाल की हिरासत से खुद को अलग कर लिया है।
- उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
- दल्लेवाल की हालत को लेकर कोई जानकारी नहीं दी जा रही है, जिससे मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा है।
मानवाधिकार हनन का आरोप
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि दल्लेवाल को जबरन खाना खिलाने की कोशिश की जा रही है। उनकी मौजूदा स्थिति पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आ रहा है।
स्थिति तनावपूर्ण
किसान नेता ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति टकराव की ओर बढ़ रही है। पंजाबभर में आंदोलन की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। खनुरी बॉर्डर पर जारी इस गतिरोध ने सरकार और किसानों के बीच तनाव को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।