लुधियाना में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां NRI इकबाल सिंह संधू के ड्राइवर ने यूट्यूब से सीखी तकनीकों का इस्तेमाल कर उनके खाते से 28 लाख रुपये उड़ा लिए।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
आरोपी ड्राइवर पलविंदर सिंह ने छह महीने पहले एयरपोर्ट पर एनआरआई संधू को छोड़ा था। इस दौरान उसने उनका सिम कार्ड निकाल लिया और यूट्यूब के जरिए डेबिट कार्ड और ईमेल को एक्सेस करने का तरीका सीखा।
- पलविंदर ने पहले उसी नंबर का नया सिम कार्ड प्राप्त किया।
- इसके बाद, उसी नंबर से डेबिट कार्ड मंगवाकर ईमेल तक पहुंच हासिल की।
- ओटीपी और मैसेज सीधे पलविंदर के पास पहुंचते रहे, जिससे उसने कई बैंक ट्रांजैक्शन किए।
- पेट्रोल पंप, गूगल पे और अन्य यूपीआई ऐप्स के जरिए आरोपी ने अलग-अलग तरीकों से पैसे निकाले।
एनआरआई को कैसे पता चला?
इकबाल सिंह संधू जब छह महीने बाद विदेश से लौटे, तो उन्हें अपने बैंक खातों से 28 लाख रुपये की निकासी का पता चला।
पुलिस कार्रवाई:
- साइबर सेल ने आरोपी पलविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
- 13.58 लाख रुपये की नकदी फ्रीज कर दी गई।
- पुलिस ने आरोपी के पास से 6 पासबुक, 8 चेकबुक, 14 डेबिट-क्रेडिट कार्ड, 3 मोबाइल फोन, और 5 सिम कार्ड जब्त किए।
पुलिस की जांच:
आरोपी ने बैंक से डेबिट कार्ड मंगवाने के लिए गलत पता दर्ज किया था। पुलिस ने 11 दिनों की जांच के बाद यह मामला सुलझाया। अब आरोपी से पूछताछ जारी है कि शेष राशि कहां खर्च की गई।
यह मामला साइबर सुरक्षा की कमजोरियों और सावधानी बरतने की जरूरत को उजागर करता है।