Chandigarh अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शहीद भगत सिंह की 35 फीट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और कई अहम घोषणाएं कीं। प्रतिमा की स्थापना पर करीब 6 करोड़ रुपये की लागत आई है। उद्घाटन समारोह में पंजाब सरकार के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का विस्तार
मुख्यमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए घोषणा की कि चंडीगढ़ और अमृतसर हवाई अड्डों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही टोरंटो और शिकागो के लिए उड़ानें शुरू होंगी। अन्य देशों के लिए भी उड़ान सेवाओं को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने एयरलाइंस कंपनियों के साथ चर्चा कर उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास किया है। यात्रियों के लिए होटल, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
निशान-ए-इंकलाब प्लाजा का निर्माण
शहीद भगत सिंह की प्रतिमा को ‘निशान-ए-इंकलाब प्लाजा’ पर स्थापित किया गया है। यह प्लाजा पंजाब सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसकी लागत करीब 6 करोड़ रुपये है। प्रतिमा का डिज़ाइन जयपुर में तैयार हुआ और बेंगलुरु की कंपनी ने इसे स्थापित किया।
विवाद और बीजेपी का विरोध
भगत सिंह की प्रतिमा का उद्घाटन पहले 28 सितंबर को किया जाना था, लेकिन मुख्यमंत्री की अस्वस्थता और बाद में चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण इसे टाल दिया गया। बीजेपी ने सरकार पर जानबूझकर उद्घाटन में देरी का आरोप लगाया था और धमकी दी थी कि यदि सरकार 72 घंटे के भीतर प्रतिमा का अनावरण नहीं करती, तो वे स्वयं इसका उद्घाटन करेंगे।
इस विरोध के चलते मोहाली में जुटे बीजेपी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। मुख्यमंत्री मान ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वही पार्टी है जो एयरपोर्ट का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने का विरोध करती रही थी।
एयरपोर्ट के नामकरण का श्रेय
सीएम मान ने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों से एयरपोर्ट का नाम शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम पर रखा गया है और अब उनकी प्रतिमा भी वहां स्थापित की गई है। उन्होंने बीजेपी पर पंजाब विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि पंजाब की जनता उनके असली चेहरे से वाकिफ है।
पंजाब सरकार का संकल्प
सीएम मान ने कहा कि भगत सिंह का नाम और उनकी विचारधारा हमेशा पंजाब और देश के दिलों में जिंदा रहेगी। इस प्रतिमा के माध्यम से आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान को याद करेंगी।