हरियाणा में चुनाव के दौरान एक रोमांचक खबर आ रही है! कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी (AAP) एक साथ मिलकर एक टीम के रूप में काम कर सकती हैं। ये दोनों ही पार्टियाँ पहले से ही I.N.D.I.A. नामक समूह का हिस्सा हैं। राहुल गांधी, एक नेता, एक नया विचार लेकर आए। सोमवार शाम को, उन्होंने अपने समूह के महत्वपूर्ण लोगों के साथ बैठक की और हरियाणा के नेताओं से इस बारे में पूछा। उसके बाद, उन्होंने एक वरिष्ठ नेता से हरियाणा के नेताओं से बात करके और अधिक जानकारी प्राप्त करने को कहा।
पिछले लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस और आप नामक दो समूहों ने मिलकर काम किया था। कांग्रेस ने 9 क्षेत्रों में जीतने की कोशिश की, और आप ने 1 क्षेत्र में जीतने की कोशिश की। कांग्रेस ने उनमें से 5 क्षेत्रों में जीत हासिल की, लेकिन कुरुक्षेत्र में आप नहीं जीत पाई। बाद में, जब उन्होंने चंडीगढ़ में चुनावों के लिए फिर से एक साथ काम किया, तो कांग्रेस और आप दोनों ने जीत हासिल की।
कुछ महत्वपूर्ण लोगों के साथ एक बैठक में, राहुल गांधी ने पूछा कि क्या उन्हें हरियाणा नामक जगह पर आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। वह जानना चाहते थे कि हर कोई इसके बारे में क्या सोचता है। फिर, उन्होंने एक वरिष्ठ नेता से इस बारे में और लोगों से बात करने को कहा। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या साथ मिलकर काम करना अच्छा विचार है और अगर वे ऐसा करते हैं, तो क्या अच्छी और बुरी चीजें हो सकती हैं।
लोगों को लगता है कि अगर समूह साथ मिलकर काम करते हैं, तो वे लोकसभा चुनावों के लिए इस्तेमाल की गई उसी योजना का इस्तेमाल करके तय कर सकते हैं कि किसे कौन सी सीटें मिलेंगी। आज रात होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी बैठक के बाद हमें और जानकारी मिलेगी।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर वे आप के साथ मिलकर काम करते हैं, तो वे उन्हें चुनाव लड़ने के लिए केवल 3 या 4 सीटें ही दे सकते हैं। लेकिन आप इससे ज़्यादा चाहती है, इसलिए उनके लिए साथ मिलकर काम करना मुश्किल है।
भाजपा के एक नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को एहसास है कि वे हरियाणा में नहीं जीत सकते, इसलिए वे इसे बदलने के लिए आखिरी समय में कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं। वे आप नामक एक अन्य समूह के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, लेकिन शाहनवाज़ का मानना है कि हरियाणा में लोग भाजपा का समर्थन करते हैं। उन्हें लगता है कि कांग्रेस चाहे जो भी करे या वे जिसके साथ मिलकर काम करें, भाजपा ही जीतेगी।
हरियाणा कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग दूसरों के साथ मिलकर काम नहीं करना चाहते हैं। भूपेंद्र हुड्डा नाम के एक पूर्व नेता को यह विचार बिल्कुल पसंद नहीं है और उन्होंने कहा है कि भले ही वे बड़े चुनावों के लिए एक साथ काम करें, लेकिन वे छोटे चुनावों में अकेले ही मुकाबला करना चाहते हैं। एक अन्य नेता बीरेंद्र सिंह का मानना है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं को इस बारे में अंतिम फैसला करना चाहिए। हरियाणा में आम आदमी पार्टी नाम का एक समूह पहली बार अकेले दम पर सभी 90 सीटें जीतने की कोशिश कर रहा है।
पिछली बार 2019 में उन्होंने 47 सीटें जीतने की कोशिश की थी, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाए थे। इस बार वे कह रहे हैं कि उनके नेता अरविंद केजरीवाल हरियाणा के लोगों के लिए बेटे जैसे हैं। पंजाब के नेता भगवंत मान के अलावा अरविंद की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी अभियान का समर्थन करने के लिए कार्यक्रमों में बोलकर मदद कर रही हैं। पंजाब में लोकसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने साथ मिलकर काम नहीं किया। दोनों ने 13 सीटों के लिए अपना-अपना अभियान चलाया। कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया और उनमें से 7 सीटें जीतीं। आम आदमी पार्टी ने चुनाव में सिर्फ़ 3 सीटें जीतीं। बाकी 3 सीटें अकाली दल नामक एक समूह और दो लोगों ने जीतीं, जो अपने दम पर चुनाव लड़े। हरियाणा कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि अगर वे बड़े लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ते, तो वे और भी सीटें जीत सकते थे।