Naga Panchami 2023: भारत में हर्षौल्लास से मनाया जाता है नागपंचमी का त्यौहार नाग देव पे आधारित इस व्रत, त्यौहार का क्या है महत्त्व यहाँ देखिए
Naga Panchami 2023
नागपंचमी की पूजा भारत, नेपाल, हिंदू, जैन और अन्य देशों में पारंपरिक रूप से हिंदू, जैन और बौद्ध लोगों द्वारा की जाती है। नाग पंचमी की पूजा हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रवण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन की जाती है।
सम्पूर्ण भारत के लोग श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्यौहार मनाते हैं। नाग पंचमी की पूजा, चांदी, पत्थर, लकड़ी आदि से बनी नाग देव की प्रतिमा में दूध से स्नान कराया जाता है और परिवार की खुशहाली के लिए उनका आशीर्वाद मांगा जाता है।
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नागपंचमी क्यों मनाया जाती है | Naga Panchami 2023
इस दिन सभी प्रकार के सांपों विशेषकर कोबरा (नाग) की पूजा की जाती है। नाग पंचमी भारत में हिन्दुओं की मान्यताओं के अनुसार नागों को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाने वाला एक त्योहार है। नागपंचमी भगवान कृष्ण द्वारा कालिया नाग के घमंड को वश में करने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है।
इसके अलावा हिन्दू मान्यताओं के अनुसार नाग को भगवन शंकर के श्रृंगार के रूप में माना जाता है इसीलिए वह पूज्यनीय है, भगवान शंकर के गले में नाग को देखा जाता है, जिसे पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शंकर का श्रृंगार कहा जाता है, क्योंकि नाग हमारे ईष्ट के प्रिय हैं, हन्दू संस्कृति के अनुसार इसलिए भी नागों की पूजा की जाती है
नागपंचमी मुख्य रूप से सम्पूर्ण भारत में हर्षौल्लास से मनाई जाती है। केरल में गौड़सारस्वत ब्राह्मणों द्वारा नागपंचमी का त्यौहार विशेष रूप से मनाया जाता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करना फलदायक और शुभ होता है और व्यक्ति के जीवन में शुभ समाचार मिलता है। इस वर्ष नागपंचमी 21 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी।
नागपंचमी का त्यौहार मनाने और व्रत रखने की पौराणिक मान्यताओं के अलावा मानवीय नजरिया भी है साँप प्रकृति के अमूल्य जीव हैं हिन्दू संस्कृति की मूल धारणा “सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, माँ कश्चिद् दुःख भागभवेत्” के अनुसार संसार के समस्त प्राणियों के जीवन की रक्षा करना मानव का कर्तव्य है, सभी जीव इस प्रकृति में अपना अपना मूल स्थान और प्राथमिकता रखते हैं, प्रत्येक प्राणी इस प्रकृति के लिए किसी न किसी कारण से उपयोगी है।
इसीलिए सभी जीवों को संरक्षित करना और उनका साम्मान करना यह हिन्दू संस्कृति है जिसके चलते भी नाग पंचमी के त्यौहार के रूप ने सामान्य जन को नागों (साँपों) के प्रति सम्मान के लिए प्रेरित करने का भी लक्ष्य होता है।
सनातन संस्कृति में सभी जीवों के लिए अमूल्य स्थान है सनातन सभ्यता में प्रकृति के लिए उपयोगी बहुतायत जीवों को किसी न किसी रूप में देवतुल्य बताकर उन्हें विशेष रूप से संरक्षित करने की प्रथा है, जैसे, गौ वंस के लिए गोपा अष्टमी, इष्ट देवी, देवताओं के वाहन के रूप में बताकर उन्हें देवतुल्य बताया गया है।
Naga Panchami 2023 को नागपंचमी के विशेष योग
श्रावण मास में आने वाली नागपंचमी का सनातन परंपरा में विशेष महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार नागपंचमी थोड़ी खास है। इस बार नागपंचमी पर विशेष संयोग बनने जा रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार नागपंचमी पर 3 शुभ संयोग बनेंगे, जिनमें शुभयोग, मुद्रायोग और शुक्लयोग शामिल हैं। इस समय नाग देवता की पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायी होता है
Naga Panchami 2023 विशेष मुहूर्त
नागा पंचमी 2023 पूजा मुहूर्त श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि प्रारंभ 21 अगस्त, रात्रि 12 बजकर 21 मिनट तक श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि समाप्त – 22 अगस्त, प्रातः 02 बजे तक पूजा मुहूर्त – 21 अगस्त प्रातः 05.33 बजे से प्रातः 08.30 बजे तक
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Disclaimer
Naga Panchami 2023 पे आधारित यह लेख विभिन्न श्रितों से प्राप्त जानकारी के आधार पर लिखी गई है जिसमें त्रुटी की सम्भावना निहित है किसी भी प्रकार के प्रयोग आदि से पहले विशेषज्ञों से परामर्श जरुर करलें, किसी भी प्रकार की हानी आदि के लिए हम कतई जिम्मेदार नहीं होंगे, धन्यवाद