गांव Hasanpur में आवारा कुत्तों के हमले में दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद, केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू द्वारा की गई कड़ी फटकार और चेतावनी ने जिला प्रशासन को हरकत में ला दिया। मंत्री ने सोशल मीडिया पर जिला प्रशासन और नगर निगम की निष्क्रियता पर नाराज़गी जताई थी और तुरंत कदम उठाने की चेतावनी दी थी।
नसबंदी परियोजना को मिली हरी झंडी
घटना के दो दिन बाद, जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए हसनपुर में कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने के लिए एक निजी फर्म को नसबंदी परियोजना का जिम्मा सौंपा है। यह फर्म पहले से ही निगम क्षेत्र में नसबंदी का कार्य कर रही है और अब इसे मंगलवार से हसनपुर में काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन के तहत नगर पालिकाओं ने भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नसबंदी के लिए इस सप्ताह निविदाएं जारी करने का निर्णय लिया है।
डीसी जितेंद्र जोरवाल की अध्यक्षता में बैठक
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जिला उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि नसबंदी परियोजना का मुख्य उद्देश्य कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करना और कुत्तों के हमलों की घटनाओं को रोकना है। परियोजना के नोडल अधिकारी के रूप में उपनिदेशक पशुपालन और बीडीपीओ की नियुक्ति की गई है।
जोरवाल ने यह भी घोषणा की कि हर नगरपालिका समिति में एक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा, जो चुनी गई फर्म द्वारा किए जा रहे कार्यों की निगरानी करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह काम भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार सुनिश्चित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू की नाराज़गी
केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में लुधियाना की घटना पर दुख जताते हुए प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा, “एक और मासूम की जान चली गई। लुधियाना में 11 साल का बच्चा खूंखार आवारा कुत्तों का शिकार बन गया। आपकी निष्क्रियता के कारण और कितनी जानें जाएंगी? यदि आप इस खतरे को नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपाय नहीं करते हैं, तो मैं ड्यूटी से बचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा।”
अधिकारी एवं प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत बैंस, रोहित गुप्ता, मुख्यमंत्री फील्ड अधिकारी कृतिका गोयल, एसडीएम जसलीन कौर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस परियोजना के तहत जल्द ही हसनपुर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में नसबंदी कार्य शुरू होगा। प्रशासन का यह कदम आवारा कुत्तों की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण की दिशा में अहम माना जा रहा है।