हरियाणा के Charkhi Dadri के झोझू गांव की 107 वर्षीय बुजुर्ग अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रामबाई का परिवार महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। जहां उनकी बेटी शर्मिला गहलावत दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी बस चला रही हैं, वहीं अब उनकी पड़पोती जेनिथ गहलावत हवाई जहाज उड़ाने की ट्रेनिंग ले रही हैं। फिलहाल, जेनिथ को 62 घंटे की उड़ान का प्रशिक्षण बाकी है, जिसके बाद वह किसी एयरलाइंस में पायलट या इंस्ट्रक्टर के तौर पर नियुक्त हो सकती हैं।
जेनिथ की मां शर्मिला ने खेलों में 200 से अधिक मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है और दिल्ली में डीटीसी बस चला रही हैं। अपनी मां से प्रेरित होकर, 104 वर्ष की उम्र में रामबाई ने खेलों में कदम रखा और महज तीन साल में 100 से अधिक पदक अपने नाम किए, जिनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पदक भी शामिल हैं।
जेनिथ का शिक्षा और प्रशिक्षण:
जेनिथ ने अपनी बीएससी साइंस की डिग्री राजस्थान के वनस्थली विश्वविद्यालय से प्राप्त की और अब वह दूरदर्शी निदेशालय से एमबीए कर रही हैं। साथ ही, वह हवाई जहाज उड़ाने का प्रशिक्षण भी ले रही हैं। अब तक उन्होंने 138 घंटे का उड़ान अनुभव प्राप्त किया है, और 200 घंटे का अनुभव पूरा होते ही उनका प्रशिक्षण समाप्त हो जाएगा। इसके बाद उनकी करियर की दिशा तय होगी, जो इस बात पर निर्भर करेगी कि एयरलाइंस में वैकेंसी है या नहीं, और वह पायलट के तौर पर काम करेंगी या इंस्ट्रक्टर के रूप में।