Haryana: खुद की रिवॉल्वर से चली गोली से युवक की हुई मौत, पुलिस को सुनाई थी झुठी कहानी

Hisar: Haryana से एक मर्डर का मामला सामने आया था जहां तलवंडी राणा मार्ग पर गुरुवार देर रात करीब एक बजे फायरिंग की वारदात में घायल योगेंद्र ने दम तोड़ दिया जो अपनी बहन का इकलौता भाई था। गाड़ी में सवार होकर आए युवकों गोलियां नहीं चलाई थी बल्कि खुद के देसी कट्टे से चली गोली पेट में लगने से मौत हुई है।

यह खुलासा छर्रे लगने से घायल चचेरे भाई यश राजन ने किया है, जिसने घटना से घबराकर गाड़ी सवार तीन-चार लोगों द्वारा फायरिंग करने की झूठी कहानी सुनाई थी। घायलों के परिजन व ग्रामीण भी घटनाक्रम जानकर हैरान थे। इस मामले में पुलिस ने यश राजन के बयान पर मृतक योगेंद्र के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा 25-1(ए) बी, 54-59 के तहत केस दर्ज कर लिया है। शव का नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है। अब पुलिस पता लगाने का प्रयास करेगी कि योगेंद्र देसी कट्टा कहां से लाया था।

लोडिंग गाड़ी में गेहूं लोड करके पड़ाव चौक लाए थे

पुलिस को बयान में 19 वर्षीय यश राजन ने बताया कि हमारी तलवंडी राणा में जीरा-लैमन कोल्ड ड्रिंक की फैक्ट्री है। यहां पिता कृष्ण, भाई योगेश के साथ वह और चाचा शमशेर का बेटा योगेंद्र भी काम करता है। लोडिंग गाड़ी में हम तीनों भाई मिलकर कोल्ड ड्रिंक सप्लाई करते हैं। पड़ाव चौक में दोस्त रवि रहता है जिसके पास आना-जाना है। रवि ने हमारे गांव से 9 मई को 15 कट्टे गेहूं खरीदी थी, जिसे लेने के लिए रात साढ़े 8 बजे वह, उसका भाई राकेश व मां जेन गाड़ी में सवार होकर आए थे। रवि का भाई राकेश गाड़ी लेकर फैक्ट्री में आया था। जिनसे गेहूं लेने था, वहां रवि अपनी मां सहित चला गया था। फैक्ट्री में वह, योगेश व योगेंद्र सहित गली-मोहल्ला के बच्चे थे।

राकेश आया और हमारी लोडिंग गाड़ी ले गया और अपनी गाड़ी हमारे पास छोड़ गया था। थोड़ी देर बाद रवि अपने भाई राकेश व मां के साथ हमारी गाड़ी में गेहूं के कट्टे लोड करके तलवंडी राणा वासी विकास खटाना के घर आ गए थे। हमारी फैक्ट्री से भाई योगेश व चचेरा भाई योगेंद्र बाइक पर सवार हुए थे, जबकि वह रवि की गाड़ी लेकर विकास खटाना के घर पहुंचे थे। वहां से राकेश, उसकी मां, योगेश व योगेंद्र चारों गेहूं के कट्टों से लोड गाड़ी, जबकि वह व रवि जेन गाड़ी में सवार होकर पड़ाव चौक स्थित उनके मकान पर चले गए थे। वहां पहुंचकर गेहूं के कट्टे उतारकर करीब ढाई घंटे तक बैठे रहे।

यश राजन ने पुलिस को बताई सचाई

पुलिस को यश राजन ने बताया कि देर रात करीब सवा 12 बजे अपनी गाड़ी में सवार होकर रवि के घर से तलवंडी राणा के लिए चले थे। गाड़ी वह चला रहा था, जब रास्ते में एक निजी स्कूल के पास के पीछे वाले रास्ते पर पहुंचे तो गाड़ी को रोक दिया था। तब करीब एक बजे का समय था। तीनों नीचे उतरकर पेशाब करने लगे थे। तभी योगेश एक तरफ चला गया था। योगेश 5-6 कदम दूर था। उसने अपनी पेंट से देसी कट्टा निकाला और दिखाने लगा। तभी कट्टे से एकदम गोली चल गई जो उसके पेट में जा लगी। इस दौरान कट्टा भी फट गया !

जिससे निकले छर्रे उसके एक हाथ पर जा लगे थे। योगेंद्र बोला कि पेट में गोली लग गई है, जिसे गाड़ी में डालकर उपचार के लिए नागरिक अस्पताल लेकर जा रहा था। रास्ते में गांव का बजरंग दूसरी गाड़ी में तीन-चार लोगों के साथ मिला था। बजरंग की गाड़ी में योगेंद्र को लिटाकर अस्पताल पहुंचाया था, वहां से निजी अस्पताल लेकर गए थे। उपचार के दौरान योगेंद्र की मौत हो गई थी। देसी कट्टा भी मौके पर कहीं गिरा होगा, जिसे उठाकर नहीं लाया था। वह कहां से लेकर आया था, उसकी भी जानकारी नहीं है।

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