Punjab में इन दिनों गेहूं का संकट गहरा गया है, जिसके कारण आटा मिलें बंद हो गई हैं। गेहूं की कमी की वजह से आटे की कीमतों में उछाल आया है और यह 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इस संकट के समाधान के लिए पंजाब रोलर्स फ्लोर मिल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की है।
Punjab रोलर्स फ्लोर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष, नरेश कुमार घई, ने बताया कि दूसरे राज्यों से गेहूं आने से पहले ही पंजाब में गेहूं की कमी शुरू हो चुकी थी, जिसके कारण आटे की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा राज्यों को गेहूं की आपूर्ति की जाती है, लेकिन इस बार टेंडर में देरी हो गई है, जिससे गेहूं की सप्लाई प्रभावित हुई है। आटा मिलों में स्टॉक खत्म हो चुका है और अब पंजाब में आटे की भी कमी हो गई है।
नरेश घई ने बताया कि इस बार एफसीआई द्वारा गेहूं की सप्लाई में देरी हुई है और कल हुए टेंडर में गेहूं का रेट 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, जबकि सरकारी रेट 2325 रुपये प्रति क्विंटल था।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले सीजन में सरकार ने देशभर में करीब 262 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था, जिसमें से लगभग 123 लाख मीट्रिक टन (45 प्रतिशत) गेहूं पंजाब से खरीदा गया था। फिलहाल, पंजाब में आटा मिलों के पास सिर्फ 6 महीने का गेहूं स्टॉक बचा है। अगर गेहूं की आपूर्ति में जल्दी कोई सुधार नहीं हुआ तो अप्रैल तक स्टॉक खत्म हो सकता है, जो बड़ी समस्या का कारण बनेगा।
अगर केंद्र सरकार ने शीघ्र इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो आटे की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। आटे के दाम बढ़ने से अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है। खुदरा बाजार में आटा 10 रुपये प्रति किलो तक महंगा हो सकता है, और पंजाब में ब्रेड के दाम भी बढ़ सकते हैं।