आतंक का दूसरा नाम था वीरप्पन, दुनिया का सबसे बड़ा चन्दन तस्कर जिसने सैकड़ों लोगों को मारा चन्दन और हाथी दांत की करता था तस्करी
वीरप्पन ने अपने अपराधों की शुरुआत अपने एक रिश्तेदार "सेवी गुंडर" के सहायक के रूप में की थी, जो एक कुख्यात चंदन तस्कर था
वीरप्पन ने अपना आपराधिक जीवन को 1970 में शुरू किया और 1972 में पहली बार गिरफ्तार किया गया बाद में वीरप्पन ने चंदन की लकड़ी और हाथी के दांतों की तस्करी भी शुरू कर दी
बाद में उसकी आपराधिक गतिविधियों के बीच आने वाले लोगों को भी मार डाला उसने 17 साल की उम्र में पहली हत्या की थी जिसमें पुलिस, वन अधिकारी, और ख़ुफ़िया अधिकारी
1987 में, वीरप्पन ने एक वन अधिकारी, चिदंबरम का अपहरण और हत्या कर दी थी, उसकी इस हरकत पर भारत सरकार की नजर उसपर पड़ी
वीरप्पन का जन्म 18 जनवरी 1952 में तमिलनाडु के एक गाँव में हुआ था वीरप्पन पर सैकड़ों लोगों को मारने और लगभग 2 हजार हाथियों के शिकार का आरोप था
चन्दन तस्करी और हाथियों के शिकार के अलावा वीरप्पन ने अपहरण भी करना शुरू किया, इसी के चलते उसने सन 2000 में दक्षिण भारत के मशहूर अभिनेता विजय का अपहरण कर 50 करोड़ की फिरौती माँगी थी
वीरप्पन ने अपने जीवन काल में कई अपराध किए वीरप्पन आतंक का दूसरा नाम बन गया था लेकिन आखिरकार स्पेसल टास्क फ़ोर्स के अधिकारी विजय कुमार ने 2004 में एनकाउन्टर कर वीरप्पन का अंत कर दिया