Ram Mandir Ayodhya

अगले वर्ष राम मंदिर का भव्य उद्घाटन किया जाएगा तो चलिए जानते है राम मंदिर से जुड़े 10 अमेजिंग फैक्ट्स

नीव की मिट्टी 

राम मंदिर निर्माण से पहले मंदिर की नीव में 2587 पवित्र स्थलों की मिट्टी नीव में डाली गई है ये मिट्टी देश के 2587 पवित्र स्थलों से एकत्र की गई है

राम मंदिर की नीव में डालने के लिए, 150 नदि, झील, और समुद्र का पवित्र जल एकत्र कर नीव में डाला गया है, इस जल को राधेश्याम पांडे और महाकवि त्रिफला द्वारा एकत्र किया गया है

150 नदियों का जल 

राम मंदिर के नीचे 2000 फीट की गहराई में टाइम केप्सूल रखा गया है इस टाइम केप्सूल में राम मंदिर और श्री राम से जुड़े आवश्यक तथ्य रखे गए हैं

टाइम केप्सूल 

राम मंदिर के निर्माण में लोहे और स्टील का जरा भी उपयोग नहीं किया गया है बल्कि मंदिर के निर्माण में में केवल पत्थर और लकड़ी, सफ़ेद सीमेंट और तांबे का उपयोग किया गया है

लोहे और स्टील का प्रयोग

राम मंदिर निर्माण के लिए हनुमान जी के जन्म स्थल अंजनद्री हिल से मँगाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है

अंजनद्री के पत्थर

राम मंदिर का डिजाइन अहमदाबाद, गुजरात में रहने वाले चंद्रकांत सोमपुरी द्वारा किया गया है इनकी 15 पीढियां ने अनेकों प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण किया है

डिजाइन

राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए पूरे भारत से बड़े बड़े लोगों और संगठनों द्वारा सोने और चांदी के इंटों का दान किया गया है

सोने चांदी की इंटें 

राम मंदिर की लम्बाई 268 फीट, चौड़ाई 140 फीट और ऊँचाई 128 फीट है, भूमिगत तल में भगवान राम उनके जन्म और उनके बचपन की की कहानी चित्रित किया गया है

मंदिर का डायमेंशन

राम मंदिर 10 एकड़ भूमि में किया गया है और 57 एकड़ भूमि पर मंदिर के परिसर के रूप में स्तेमाल किया गया है, मंदिर के मुख्य संरचना में 360 स्तम्भ हैं

मंदिर की संरचना