दक्षिण आफ्रिका के सबसे प्रसिद्ध एक्टिविस्ट जिन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलकर रंगभेद को लेकर लम्बी लड़ाई लड़ी और सफल भी हुए इन्हें "शांतिदूत" भी कहा जाता है
नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रिका के म्वेजो में हुआ था इनके माता पिता का नाम गाडला हेनरी मफाखानिस्वा, नोकाफी नोसेकेनी था
नेल्सन मंडेला ने अपने जीवन में 3 सादियाँ की ग्रासा माचेल 1998-2013, विनी मंडेला 1958-1996, एवलिन मेसे 1944-1958
कम उम्र में ही नेल्सन मंडेला के पिता की मृत्यु हो गई इसके बाद इसका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा लेकिन इनका मकसद बड़ा था
नेल्सन मंडेला 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में सामिल हो गए और इसके बाद इन्होने रंगभेद को लेकर आन्दोलन शुरू किया
वर्ष 1961 में नेल्सन मंडेला और उनके कुछ मित्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया लेकिन इसमें वो निर्दोष साबित हुए
मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में वर्ष 1964 में नेल्सन मंडेला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई
इन्होने 27 साल जेल में बिताए और 1990 में इनको जेल से रिहाई दी गई, जेल में रहने के दौरान इन्होने अपनी जीवनी लिखी
जेल से रिहाई के बाद मंडेला ने रंगभेद को लेकर मोर्चा खोल दिया जिसमें लोगों में इनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी
1994 में दक्षिण अफ्रिका में रंगभेद रहित चुनाव हुए जिसमें इन्हें जीत हासिल हुई और नेल्सन पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने, 5 दिसंबर 2013 को नेल्सन का देहांत हो गया