किशोर द एक ऐसे फनकार थे जिनके किस्से जितनी बार भी सुन लो फिर एक बार सुनने की इक्षा होती है तो किशोर द के जन्मदिन पर उनके कुछ किस्से पढ़िए
किशोर द को गुजरे 35 वर्ष हो गए हैं 13 अक्टूबर 1987 को 58 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था, जितनी बेहतरीन किशोर द की आवाज थी उतने ही रोचक उनकी जिन्दगी के किस्से हैं
किशोर द बहुमुखी प्रतिभा के धनि थे वे एक्टर, सिंगर, फिल्म डायरेक्टर, गीतकार, संगीतकार, और तो और किशोर द ने फिल्मे प्रोड्यूस भी की हैं
किशोर द के बचपन का नाम आभास गांगुली था किशोर द चार भाई बहन होते थे, अशोक कुमार किशोर द के सबसे बड़े भाई थे और उनका दादा मुनि का नाम किशोर द का ही दिया हुआ है
किशोर द के बचपन की एक घटना ने किशोर द को बना दिया भारत का एक महान सिंगर, इस बारे में दादा मुनि ने एक बार इन्टरव्यू के दौरान बताया था
उनके अनुसार किशोर द की आवाज बचपन में बैठी हुई थी और सुरीली नहीं थी मगर बचपन में एक बार किशोर द की ऊँगली कट गई जिससे किशोर द को कई दिनों तक दर्द का सामना करना पड़ा
इस असहनीय दर्द के कारण किशोर द कई दिनों तक रोते रहे जिससे उनके वोकल कोर्ड्स खुल गए जिससे उनकी बैठी हुई आवाज खुल गई
किशोर द ने कभी संगीत सीखा नहीं था लेकिन संगीत में उनकी इतनी रूचि थी की माँ सरस्वती ने ही उन्हें चुन लिया और किशोर द बन गए एक शुरीले गायक
किशोर द ने कई ऐसे गाने गए हैं जिनको सुनकर शास्त्रीय संगीत के विद्वान पंडितों ने भी किशोर द की तारीफ़ की है, शास्त्रीय संगीत के ज्ञाता डॉ. भीमसेन जिशी भी किशोर द की प्रसंसा करते थे
किशोर द सिंगर, एक्टर तो थे ही एक लाजवाब व्यक्तित्व के धनि थे हमेशा मुस्कुराने वाले किशोर द आल्हड़ और मस्तमौला जीवन जीने वाले व्यक्ति थे
4 जुलाई को किशोर द का जन्मदिन होता है किशोर द को जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ बेसक भगवान भी उनके शुरीले संगीत का आनन्द ले रहे होंगे