21 जून 2023 को मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हमें हिन्दुस्तानी होने पर गर्व है हमने दुनिया को योग जैसी विधा दी
भारतवर्ष के महान ऋषियों में से एक महर्षि पतंजलि ने दुनिया को योग जैसी विधा दी है जिसके कारण आज दुनिया भर के लोग स्वस्थ रहने के लिए योग का प्रयोग कर रहे हैं
सामान्य तौर पर योग शरीर, मन, और आत्मा को संतुलित करने का एक जरिया है जिससे व्यक्ति अपने व्यक्तिक, शारीरिक और मानसिक विकास को गति दे सकता है
महर्षि पतंजलि योग के जनक कहे जाते हैं किन्तु भारत के कुछ भागों में तिरुमलाई कृष्णमाचार्य को आधुनिक योग का जनक माना जाता है
योग पर सबसे पुरानी प्रचलित पाठ्य पुस्तक पतंजलि है, पतंजलि को ऋषि पतंजलि द्वारा लिखा गया है जिसमें योग सूत्र बताए गए हैं यह पुस्तक दूसरी सताब्दी ईसा पूर्व में लिखी गई है
योग को सामान्यत: चार भागों में वर्गीकृत किया गया है 1. कर्म योग 2. भक्ति योग, 3. ज्ञान योग और 4. क्रिया योग
योग आसन धीरे-धीरे हमें अपने शरीर और मन को पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, योग के माध्यम से इन्सान जीवन के मूल्यों को पहचान सकता है
योग साधना को भारत के अलावा पूरे विश्व में अपनाया गया दुनिया के बुद्धिजीवियों और वैज्ञानिकों ने इसे मानव जीवन के विकास के लिए श्रेष्ठ बताया है