6 अगस्त और 9 अगस्त, 1945 को जापान के हिरोशिमा (Hiroshima) एवं नागासाकी (Nagasaki) शहरों पर अमेरिका ने परमाणु बम से हमला किया
इस घटना के परिणाम इतने घातक थे जिससे हजारों निर्दोष लोगों की जान चली गई और मानवता की दिशा हमेशा के लिए बदल गई।
6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो पीड़ितों को याद करने और परमाणु युद्ध के विनास को प्रतिबिंबित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
हवाई बमबारी में कुल मिलाकर 129,000 से 226,000 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकांश जापानी नागरिक थे जो इस विनाशकारी हमले में ख़त्म हुए
बम से निकली 4000 डिग्री की गर्मी ने पूरे शहर का नामो निशान मिटा दिया था। इससे सब कुछ जलकर नष्ट हो गया था। दो मिनट में शहर का 80 फीसदी इलाका आग में नष्ट हो गया था
29 किलोमीटर के इलाके में आसमान से काली बारिश हुई। हजारों लोग परमाणु विकिरण की चपेट में आकर तड़प तड़प कर मर गए।
आखिरकार भारी तबाही देख जापान झुका और उसने अमेरिका के सामने सरेंडर किया और दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ था
दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के वक्त जापानी सेना ने अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर हमला कर दिया था
इसके जवाब में अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर हमले किए थे, परमाणु हमले के बाद हिरोशिमा व नागासाकी में 4,000 डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा हुई थी