भारत में दिखने लगा हीट वेव का असर जानिए क्या होता है हीट वेव और इससे कैसे बच सकते हैं 

Heat Wave

जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है, तो हीट वेव या लू का प्रभाव पड़ने लगता है, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान 30 डिग्री से अधिक होने पर हीट वेव्स चलने लगते हैं

हीट वेव्स का प्रभाव न सिर्फ घर से बाहर, बल्कि घर में रहने पर भी पड़ रहा है तो ऐसी स्थिति में हीट वेव्स से खुद को और अपने परिवार काे बचाए रखना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन जाती है।

गर्मी के कारण सबसे अधिक समस्याएं बच्चों, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, मोटापे से परेशान लोग और गंभीर बीमारी के कारण अधिक दवाइयों का सेवन करने वाले लोग हीट वेव्स से अधिक प्रभावित होते हैं

हीट वेव से बचने के लिए जितना संभव हो सके, ताजा मौसमी फल और सलाद को शामिल करें। डायबिटीज पेशेंट नो शुगर या कम शुगर वाले फ्रूट्स ही खाएं।

सबसे ज्यादा जरूरी है खुद को तथा अपने परिवार को हाइड्रेटेड रखें। इस बात का ख्याल रखना सबसे ज्यादा जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य पर्याप्त मात्रा में पूरे दिन पानी पीते रहें।

गर्मी में तेल और मसालेदार भोजन या मांसाहार का सेवन न करें। हैवी प्रोटीन भोजन मेटाबॉलिक हीट को बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर और अधिक गर्मी महसूस करने लगता है।

यदि परिवार में किसी सदस्य को हीट क्रैम्प्स, हीट रैश, हीट स्ट्रोक हो गया हो, तो नींबू पानी, आम का पना, इलेक्ट्रॉल पाउडर आदि का सेवन कराना तुरंत शुरू कर दें