UP: महाकुंभ के दौरान नाविक पिंटू महरा की 30 करोड़ रुपये की कमाई पर विवाद, सपा और विपक्षी दलों ने की जांच की मांग। - Trends Topic

UP: महाकुंभ के दौरान नाविक पिंटू महरा की 30 करोड़ रुपये की कमाई पर विवाद, सपा और विपक्षी दलों ने की जांच की मांग।

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यूपी। UP में महाकुंभ के दौरान नाविक पिंटू महरा की 30 करोड़ रुपये की कमाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के बयान के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और विपक्षी दलों ने इस दावे की जांच की मांग की और यह आरोप भी लगाया कि नाविक का आपराधिक इतिहास रहा है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा, ‘‘इस समाचार की सच्चाई की जांच होनी चाहिए। अगर वास्तव में एक परिवार ने महाकुंभ में अकेले 30 करोड़ कमाए हैं, तो जीएसटी कितना वसूला गया, ये भी बताया जाए। ‘पातालखोजी’ पहले सब कुछ पता कर लें, फिर महिमामंडन करें।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘पहले ठग से एमओयू कर लिया, फिर नामजद के नाम की तारीफ सदन में बंद आंखों से कर दी। अब तो आंखें खोलें। यही कारण है कि भाजपा सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।’’ अखिलेश ने एक समाचार साझा किया जिसमें आरोप लगाया गया था कि महरा का आपराधिक इतिहास रहा है।

अजय राय का सवाल ?

कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने भी सवाल उठाया कि 45 दिनों के महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को लाने और ले जाने से एक परिवार इतनी बड़ी संपत्ति कैसे जुटा सकता है। राय ने कहा, ‘‘आप भले ही आपराधिक इतिहास को नजरअंदाज कर दें, लेकिन यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा में बताई गई आय पर जीएसटी और अन्य कर चुकाए गए थे ?

अगर विधानसभा में दी गई आय का विवरण सही है, तो क्या इसका मतलब यह नहीं कि श्रद्धालुओं से ठगी की गई, क्योंकि सरकार द्वारा तय दरों पर इतना लाभ नहीं कमाया जा सकता था?’’ इसके बाद राय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘योगी आदित्यनाथ ने सदन में जिस नाविक की सराहना की, उसकी हिस्ट्रीशीट अब देश के सामने आ गई। लेकिन इस कहानी में मुख्यमंत्री जी ने अपने ही आंकड़ों से कालाबाजारी का सच उजागर कर दिया।’’

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‘जनता से तो जनता का सच नहीं छिपता’

अजय राय ने कहा, “जनता से जनता का सच कभी नहीं छिपता।” उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री के अनुसार, एक नाव प्रतिदिन लगभग 50-52 हजार रुपये की शुद्ध बचत कर रही थी, और 130 नावों ने मिलकर लगभग 66-68 लाख रुपये की शुद्ध बचत की थी। यह पूरी घटना विश्लेषण करने योग्य है, क्योंकि मेला प्राधिकरण ने नावों पर प्रति व्यक्ति किराया अधिकतम 120-150 रुपये तय किया था।”

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया, “अगर एक नाव दिन में इतनी बड़ी राशि की बचत कर रही थी, तो 130 नावें मिलकर कितने चक्कर लगाकर इतनी बड़ी राशि कमा रही थीं? इसका मतलब साफ है कि श्रद्धालुओं से मनमाने तरीके से पैसा लिया गया और सरकार के मानकों का पालन नहीं किया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री द्वारा जिन नाविक का उल्लेख किया गया है, उनका कहना है कि श्रद्धालु उपहार स्वरूप पैसे दे रहे थे। लेकिन क्या यह सच है? यह तो सब जानते हैं।”

‘पिंटू का रहा अपराधिक रिकॉर्ड’

पुलिस सूत्रों के अनुसार, महरा परिवार लंबे समय से नाविकों से रंगदारी, फिरौती, जबरन वसूली और अवैध शराब निर्माण जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। परिवार के कई सदस्य पहले से ही आपराधिक मामलों में लिप्त रहे हैं। इसी बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए दावा किया कि पिंटू महारा ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई की।

बयान में कहा गया, “पिंटू ने महाकुंभ से पहले अपनी नावों की संख्या 60 से बढ़ाकर 130 कर दी थी, जिससे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का लाभ उठाया।” यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य विधानसभा में दिए गए बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने महाकुंभ पर विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब दिया था। उन्होंने कहा, “मैं एक नाविक परिवार की सफलता की कहानी बता रहा हूं। उनके पास 130 नावें हैं, और 45 दिनों में उन्होंने 30 करोड़ रुपये कमाए, यानी हर नाव ने लगभग 23 लाख रुपये की कमाई की।”

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