UP Board की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के पहले दिन 2.72 लाख परीक्षार्थियों ने हिंदी का पेपर छोड़ दिया। वहीं, परीक्षा के दौरान दूसरे के स्थान पर बैठने वाले 14 फर्जी परीक्षार्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा, नौ परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़े गए हैं।
महाकुंभ में भीड़ और यातायात प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को प्रयागराज को छोड़कर बाकी सभी जिलों में यूपी बोर्ड की परीक्षा आयोजित की गई। प्रयागराज में परीक्षा 9 मार्च को आयोजित की जाएगी, जिसमें 335 केंद्रों पर परीक्षा होगी। पहले दिन की परीक्षा में सुबह 8 से 11:15 बजे तक हाईस्कूल हिंदी, प्रारंभिक हिंदी और इंटरमीडिएट सैन्य विज्ञान की परीक्षा थी।
दूसरी पाली में दोपहर 2 से शाम 5:15 बजे तक इंटर हिंदी, सामान्य हिंदी और हाईस्कूल हेल्थकेयर विषय की परीक्षा हुई। यूपी बोर्ड के कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों पालियों की परीक्षा में कुल 51,49,043 परीक्षार्थियों में से 48,76,219 उपस्थित हुए, जबकि 2,72,824 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
पहली पाली में पंजीकृत 26,36,826 परीक्षार्थियों में से 1,61,964 छात्र-छात्राएं अनुपस्थित रहे, जबकि दूसरी पाली में पंजीकृत 25,12,217 परीक्षार्थियों में से 1,10,860 परीक्षार्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे। पहली पाली में हाईस्कूल की परीक्षा के दौरान फर्रुखाबाद में छह, गाजीपुर में चार, और कन्नौज, जौनपुर, फिरोजाबाद और प्रतापगढ़ में एक-एक फर्जी परीक्षार्थी को दूसरे के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया।
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने कहा कि परीक्षा के दौरान किसी भी जिले में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी और परीक्षा निष्पक्ष, नकलविहीन और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।
नकल पर सख्ती के बावजूद परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या में वृद्धि।
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के संरक्षक बृजेश कुमार शर्मा ने कहा कि नकल पर नियंत्रण के लिए शासन के सख्त रुख के कारण परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या बढ़ी है। हिंदी की परीक्षा छोड़ने का अर्थ यह हो सकता है कि परीक्षार्थी ने फर्जी रजिस्ट्रेशन कराया हो या दो जगह से रजिस्ट्रेशन करवा लिया हो, ताकि मौका मिलने पर नकल की जा सके या अपनी जगह किसी दूसरे को परीक्षा में बैठाया जा सके। लेकिन जब नकल करने या फर्जी परीक्षार्थी को बैठाने का जोखिम बढ़ जाता है, तो परीक्षार्थी आमतौर पर परीक्षा छोड़ देते हैं।