बॉलीवुड फिल्म इमरजेंसी को लेकर एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद Kangana Ranaut की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पंजाब की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने फिल्म आपातकाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाने वालीं कंगना रनौत के खिलाफ भी एफआईआर की मांग की गई है. आपको बता दें कि फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को रिलीज होने वाली है लेकिन यह पहले ही विवादों में घिर गई है.
हाल ही में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है. इसके अलावा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी से अनुरोध किया गया है कि फिल्म की स्क्रिप्ट पहले एसजीपीसी को सौंपी जाए। उनकी मंजूरी के बाद ही आगे की बातें होनी चाहिए. उनका कहना है कि जिन दृश्यों पर शिरोमणि कमेटी को आपत्ति है, उन्हें फिल्म से हटाया जाना चाहिए. इसके बाद ही फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसके अलावा इमरजेंसी के ट्रेलर रिलीज को लेकर जी स्टूडियो को कानूनी नोटिस भेजा गया है.
एडवोकेट धामी ने कहा कि अतीत में फिल्मों से जुड़े ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब सिख चरित्रों और सिखों की धार्मिक चिंताओं को सही ढंग से चित्रित नहीं करने के कारण सिख भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से मांग की कि कंगना रनौत की इमरजेंसी पर तुरंत रोक लगाई जाए. उन्होंने कहा कि अब से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सिख विरोधी भावनाओं वाली कोई भी फिल्म रिलीज न हो.
एडवोकेट धामी ने केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में एक सिख सदस्य को शामिल करने का सुझाव दिया क्योंकि एक सिख सदस्य की अनुपस्थिति के कारण फैसले एकतरफा लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने कई बार अपनी आम बैठकों में प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में एक सिख प्रतिनिधि को शामिल करने की मांग की है, लेकिन दुर्भाग्य से सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है. शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस फिल्म के रिलीज होने से सिख समुदाय में काफी गुस्सा और आक्रोश पैदा होना तय है.