Panipat जिले के इसराना उपमंडल स्थित गुप्ता धागा फैक्ट्री में 8 दिन पहले लगी आग से झुलसे एक और श्रमिक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस हादसे में अब तक तीन श्रमिकों की जान जा चुकी है, जबकि दो मौके पर ही जिंदा जल गए थे। घटना के बाद मृतक के परिजनों की शिकायत पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था, लेकिन तीन मौतें हो जाने के बावजूद आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
तीसरी मौत: मृतक की पहचान
इस बार मृतक की पहचान 31 वर्षीय काबिल के रूप में हुई है, जो उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल का रहने वाला था। काबिल चार बच्चों का पिता था और इसराना थाना क्षेत्र में किराए पर रह रहा था। मृतक का शव सिविल अस्पताल लाया गया, जहां पुलिस परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है।
यह हादसा 8 दिन पहले इसराना के गांव बलाना स्थित शिव फैब्रिक (गुप्ता धागा फैक्ट्री) में हुआ। फैक्ट्री में देर रात करीब 12:30 बजे संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। मौके पर मौजूद दो श्रमिक, सुमित और तसमिल, जिंदा जल गए थे। फैक्ट्री मालिक का दावा है कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। हादसे में फैक्ट्री की बिल्डिंग, मशीनरी और माल को भारी नुकसान पहुंचा।
सुमित गांव सौंदापुर का रहने वाला था। वह दो बच्चों का पिता था और अपने परिवार में इकलौता भाई था। 11 साल पहले बड़े भाई की मौत के बाद उसने अपनी दो बहनों की जिम्मेदारी संभाली थी। करीब तीन साल पहले इसी फैक्ट्री में काम करते हुए उसका हाथ मशीन में आ गया था, जिससे उसके बाएं हाथ की सभी उंगलियां कट गई थीं। पत्नी से मनमुटाव के कारण वह अपनी बहन के पास गांव पलड़ी में रह रहा था।
तसमिल की पहचान दूसरे मृतक के रूप में हुई थी। हालांकि उसके बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले तीसरे श्रमिक काबिल के परिवार में उसकी पत्नी और चार बच्चे हैं।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
घटना के बाद फैक्ट्री मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था, लेकिन पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। यह लापरवाही परिजनों और स्थानीय लोगों में रोष का कारण बनी हुई है।